महामारी ने छीनी इंसानियत: महिला के शव को गड्ढे में फेंका, खौफ से खत्म मानवता

प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला की मौत के बाद उसे कोई कंधा देने वाला आगे नहीं आया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-28 17:17 GMT

शव को जेसीबी से फेंका(फोटो-सोशल मीडिया)

प्रतापगढ़: कोरोना महामारी ने एक तरफ जहां पूरे देश में भयावह कहर ढा रखा है, वहीं दूसरी तरफ इंसानियत और मानवता को छीन लिया है। लोगों को इस हद तक इस बीमारी से खौफ हो गया कि अपनों को ही भूल बैठे हैं। ऐसे में एक मामला कुंडा इलाके से सामने आया है। जिसमें एक महिला की मौत के बाद उसे कोई कंधा देने वाला आगे नहीं आया। 

कुंडा में महिला की मौत के चलते महामारी की वजह से कोई हाथ लगाने वाला भी आगे नहीं आया। इस कदर लोगों में डर घर करके बैठ गया है। ऐसे में घर के सामने ही जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर महिला के शव को उसमें फेंककर मिट्टी डाल दी गई। इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कोई नहीं कंधा देने वाला

यहां के ऊगापुर के राम शरन की पत्नी रजवंता (55) की बुधवार सुबह मौत हो गई। मामले के बारे में बताया जा रहा है कि पति की मौत के बाद रजवंता अकेली रहती थी। उसका कोई नहीं था। फिर उसकी मौत को महामारी की चपेट में होने की आशंका के चलते पड़ोसी भी उसे कंधा देने को तैयार नहीं हुए।

जिसके चलते उसी के घर के सामने जेसीबी से कब्र खोदवा कर शव को कथरी में लपेट कर ऊपर से ही गड्ढे में फेंक दिया। इसके बाद में मिट्टी डालकर बराबर कर दिया।

गांव वाले बताते हैं कि इसी गांव में इसके पहले चंदन (35) और हरिकेश उर्फ मानिक (32) की भी दो दिन पहले संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। इस बारे में निवर्तमान प्रधान के पुत्र आकाश सिंह का कहना है कि रजवंता के कोई नहीं था। इससे पड़ोसियों ने उसे गड्ढा खोदकर दफन करा दिया।

तहसीलदार कुंडा रामजन्म यादव का कहना है कि घटना बेहद अमानवीय है। महामारी के भय से लोग अपनों से भी दूर भागने लगे हैं तो क्या किया जा सकता है। महामारी ने लोगों को इंसानियत से भी दूर कर दिया है। 

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