Prayagraj: योगी सरकार के निर्देश पर DM ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों का किया दौरा
Prayagraj: योगी सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों का दौरा किया।
Prayagraj: उत्तर प्रदेश में बाढ़ (Flood In UP) की वजह से 16 जिले प्रभावित हैं। इसकी वजह से 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है। इनमें से सबसे बुरी स्थिति प्रयागराज की बनी हुई है। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां (Ganga and Yamuna River) उफान पर हैं। गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा का जलस्तर खतरे से एक मीटर उपर पहुंच गया है। यमुना तीन में से दो माप बिंदुओं पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके चलते दर्जनों गांव और निचले इलाकों में पानी भर गया है। अब तक हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। लोग अपने सामानों को छोड़कर प्रशासन के बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। अब तक करीब 6 हजार लोग बाढ़ राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं। बचाव और राहत के लिए एनडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं।
योगी सरकार ने अधिकारियों को दिए निर्देश
ऐसे में योगी सरकार (Yogi Governmnet) ने अधिकारियों को राहत कार्यों के लिए कड़े निर्देश दिए है। प्रयागराज प्रशासन (Prayagraj Administration) के आला अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा कर निरीक्षण कर रहे है। साथ ही कई क्षेत्रों में नाव की संख्या को भी अधिक करने का निर्देश है और पीड़ित लोगों को राहत सामग्री बांट रहे है।
स्वास्थ्य विभाग (Health Department) भी मुस्तैदी से लोगों की मदद कर रहा है, लेकिन बावजूद इसके लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। क्योंकि अभी गंगा और यमुना नदियों (Ganga and Yamuna River) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो जिस तरह से मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के बांधों से लगातार पानी छोड़ा गया है वह लगभग अब पहुच चुका है। यमुना नदियों का जलस्तर अब स्थिर हो गई है। इसके बाद भी करीब एक हफ्ते तक इसी तरह जलस्तर बने रहने की उम्मीद है। जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारी की है।
मदद के लिए 269 नावों को किया तैनात
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्रामीण इलाकों के पास विभिन्न स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। प्रशासन अपने घरों में रह रहे स्थानीय लोगों को भी बाढ़ राहत सामग्री वितरित कर रहा है। लोगों की मदद के लिए 269 नावों को भी तैनात किया गया है।
डीएम ने कई राहत शिविरों का किया दौरा
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री (District Magistrate Sanjay Kumar Khatri) ने कई राहत शिविरों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे आवास और भोजन की स्थिति का जायजा लिया। वहीं एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में घरों में फंसे सभी लोगों को निकालने का हर संभव प्रयास कर रही है। एनडीआरएफ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रहा है और स्थानीय लोगों को स्थिति से अवगत करा रहा है ताकि लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर आ सकें और एनडीआरएफ की टीम उनकी हर तरह से मदद करेगी।
गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की चपेट में आए कई मोहल्ले
पिछले कई दिनों से गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते दोनों नदियों की वजह से तटीय इलाकों में बसे मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यही नहीं, लोगों के घरों के पहले तल पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। इस वजह से लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं, बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने अपने घरों की छतों पर ही रहने को मजबूर हैं। छोटा बघाड़ा, सलोरी, दारागंज, नेवादा, गंगानगर में यह स्थिति देखने को मिली है। प्रयागराज में लगातार हो रहे जलस्तर बढ़ोत्तरी के चलते बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बिलजी आपूर्ति रोक दी गई है। इसके साथ ही नगर निगम और बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है