Prayagraj News: मूर्तिकारों ने ली राहत की सांस, कोरोना में ठप हुआ था कारोबार

Prayagraj News: मूर्तियों के दामों को भी बढ़ा दिया है पिछले साल जो मूर्ति 8000 की बिक रही थी वह अब 10,000 की बिक रही है

Report :  Syed Raza
Update: 2022-09-28 13:36 GMT

Prayagraj News Sculptors breathed sigh relief business stalled in Corona troubled by inflation

Prayagraj News: हमारे भारत में त्योहार केवल खुशियां लेकर नहीं आस लेकर आते हैं। खुशियां तो हर एक के लिए होती हैं . लेकिन इस दौरान आस होती है उन गरीब तबके के लोगों को जिनके पास पर्याप्त काम नहीं होता. जिस वजह से उनकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ता है. खैर शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है,और इसके साथ ही देश में त्योहारों के मौसम की भी शुरुआत ने भी हरी झंडी दे दी है. इसी कड़ी में जगह जगह दुर्गापूजा पंडाल भी सजने शुरू हो गए हैं. ऐसे में अबकी बार मूर्तिकार या कहें की दुर्गा प्रतिमा बना रहे कारीगर थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं.

दरअसल, मूर्ति कलाकारों का काम पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से टूट चुका था. जिसके चलते दुर्गा पूजा में बिकने वाली मूर्तियों की डिमांड बेहद कम थी. लेकिन अब की बार लोग मूर्ति खरीदने के लिए आ रहे हैं और थोड़ी बहोत राहत जरूर मिल रही है. हालाकि मूर्तिकारो का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई से थोड़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

पश्चिम बंगाल से प्रयागराज आकर मूर्ति बना रहे कलाकारों को कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई ने मूर्तियों के दामों को भी बढ़ा दिया है पिछले साल जो मूर्ति 8000 की बिक रही थी वह अब 10,000 की बिक रही है जबकि जो प्रतिमा 12000 की थी वह 14 से 15 हजार में बेची जा रही है । उधर ग्राहक भी बढ़ती महंगाई के चलते काफी परेशान हैं उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण कम होने के चलते थोड़ी राहत तो है लेकिन लगातार बढ़ रही महंगाई ने मूर्ति के दामों को भी बढ़ा दिया है हालांकि त्यौहार है तो मनाना है इसलिए वह मां की प्रतिमा खरीद रहे हैं।

प्रयागराज के भरद्वाज आश्रम के बगल वाली गली कई सालों से मूर्तिकारो के नाम से प्रसिद्ध है ।अगस्त महीने से ही यहां मूर्तिकार मां की प्रतिमा को बनाने में लग जाते हैं... लेकिन इस बार देर से हुई बारिश ने भी उनके कारोबार को काफी नुकसान पहुंचाया है। बंगाल से आए कारीगर घोष पाल का कहना है कि पिछले 2 साल से कोरोना के चलते काफी नुकसान हुआ है अगर इस बार भी मां की प्रतिमा का आर्डर ना मिलता तो उनको वापस पश्चिम बंगाल जाना पड़ता। हालांकि राहत की बात यह है कि अबकी बार नवरात्र के पहले से ही लोग मूर्ति का आर्डर देने के लिए आ रहे हैं ।

कोरोना महामारी से तो हम काफी हद तक उबर गए. लोकिन मंहगाई की महामारी आम आदमी की जेब बीमार करती जा रही हैं. उधर स्थानीय लोग भी सरकार से गुहार लगा रहे हैं की कोरोना से तो राहत जरूर मिल गई है ऐसे मे अब सरकार महंगाई की ओर भी ध्यान दें ताकि त्योहारों पर इसका असर ना पड़े।

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