Prayagraj Shootout: जवान बेटे का शव देख बिलख पड़ी मां, बोली अपराधियों को मिली ऐसी सजा कि कांप जाए रूह

Raebareli News: उमेश पाल हत्याकांड में घायल दूसरे सिपाही की भी मौत हो गई है। गुरुवार को शव रायबरेली पहुंच गया है। भारी संख्या में पुलिस बल ने पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।

Report :  Narendra Singh
Update: 2023-03-02 05:09 GMT

Prayagraj Shootout Martyr Police Gunner Dead Body Reached Raebareli (Photo: Newstrack)

Raebareli News: प्रयागराज शूटआउट में शहीद सिपाही राघवेंद्र सिंह का शव पहुंचा पैतृक निवास लालगंज पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उनके निवास के आसपास सुबह से छाई उदासी चीत्कार में बदल गई। शहीद के निवास पर जन सैलाब उमड़ गया। लालगंज थाना इलाके के कोरिहार में शहीद का पैतृक निवास है। एडीजी सतीश गणेश सहित एसपी आलोक प्रियदर्शी सहित एसडीएम ने श्रद्धांजलि दी। बड़ी संख्या में ग्रामीण और आस-पास के क्षेत्रीय नेता भी उपस्थिति होकर परिवार को ढांढस बंधाया।

प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड में घायल दूसरे गनर की भी लखनऊ पीजीआई में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की खबर से रायबरेली जिले के कोरिहरा गांव में मौजूद परिवार में कोहराम मचा है। मृतक पुलिसकर्मी राघवेंद्र सिंह की मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से परिवार को आर्थिक मदद के रूप में 1 करोड़ रुपए के साथ मृतक राघवेंद्र सिंह के छोटे भाई और बहन की सरकारी नौकरी के अलावा अपराधियों पर ऐसी कार्यवाही करने की मांग की है कि उसे सुनकर अपराधियों रूह कांप जाए। माँ अपर्णा सिंह ने कहा कि जिन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है उनके सामने पहले उनके बच्चों को काट डाला जाए। उसके बाद अपराधियों को सजा दी जाए, जिससे उन्हें पता चले की एक मां को उसके बेटे की हत्या किए जाने पर कितना दुख होता है। 



प्रयागराज शूट आऊट में मारे गए सिपाही राघवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर गेगासों घाट ले जाया गया। गंगा तट पर स्थित गेगासों घाट पर अंतिम संस्कार हो रहा। घाट पर जिले भर के लोगों का जनसैलाब उमड़ा है। राज्य मंत्री दिनेश सिंह भी गेगासों घाट पर पहुंचे हैं। पुलिस बल ने अंतिम संस्कार से पहले सलामी देकर श्रद्धांजलि दी। 

कुछ दिनों में ही होनी थी शादी

राघवेन्द्र सिंह की 5 मई को बहराईच जनपद से कुछ दिन बाद शादी होना था। मगर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। शहीद राघवेन्द्र की बड़ी बहन की शादी उन्नाव जनपद में हुई थी और छोटा भाई ज्ञानेन्द्र सिंह अभी पढ़ाई कर रहा है। छोटी बहन अर्चना सिंह भी पढाई कर रही है। पिता स्वर्गीय राम सुमेर भी मृतक आश्रित में नौकरी करते थे और पुलिस विभाग में तबियत खराब होने से मौत हो गयी थी, जिसके बाद मृतक आश्रित में राघवेन्द्र सिंह को नौकरी मिली थी। प्रयागराज शूटआउट में शहीद होने पर गेगासो घाट पर अंतिम संस्कार किया गया है। स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री प्रताप सिंह, एडीजी सतीश गणेश, एसपी आलोक प्रियदर्शी, एसडीएम अजीत प्रताप सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने राघवेंद्र के अंतिम विदाई में दर्शन किया। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गयी।

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