Atiq Ashraf Murder Case: माफिया अतीक की फरार बहन आयशा पहुंची सुप्रीम कोर्ट, भाईयों और भतीजे की मौत की जांच की मांग

Atiq Ashraf Murder Case: आयशा नूरी ने पुलिस अभिरक्षा में भाईयों की मौत पर तो सवाल उठाया ही साथ ही यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए अपने भतीजे असद की मौत को भी संदिग्ध करार दिया है।

Update:2023-06-27 11:51 IST
Ayesha noori (photo: social media )

Atiq Ashraf Murder Case: कुख्यात माफिया से बाहुबली राजनेता बना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या हुए दो महीने से अधिक हो चुके हैं। लेकिन माफिया ब्रदर्स किसी न किसी वजहों से अभी भी खबरों में जिंदा है। पहले अपने वारदातों से सुर्खियां बनाने वाले माफिया बंधुओं की हत्या अब भी एक पहेली बनी हुई है। दोनों की फरार चल रही बहन आयशा नूरी ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

आयशा नूरी ने पुलिस अभिरक्षा में भाईयों की मौत पर तो सवाल उठाया ही साथ ही यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए अपने भतीजे असद की मौत को भी संदिग्ध करार दिया है। नूरी ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर इन तीनों मौतों की जांच के लिए किसी पूर्व जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने की मांग की है।

मालूम हो कि इस मामले से जुड़ी एक याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है। अप्रैल में अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से एक पीआईएल दाखिल कर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच करने की मांग की गई थी। साथ ही योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश में अबतक जितने भी एनकाउंटर हुए हैं, उसकी भी जांच की मांग की गई थी। सर्वोच्च न्यायलय ने 28 अप्रैल को इस पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से माफिया भाईयों की हत्या की चल रही जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होनी है।

पुलिस अभिरक्षा में हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या

24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनरों की हत्या के बाद से माफिया अतीक अहमद का पूरा परिवार जांच के केंद्र में है। इस सिलसिले में पूछताछ को लेकर अतीक को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। वहीं, बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ को भी प्रयागराज लाया गया था। दोनों भाईयों से एक साथ पूछताछ चल रही थी। इसी बीच 15 अप्रैल की रात करीबन 10 बजे माफिया भाईयों को शहर के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया था।

माफिया भाईयों के हर मुवमेंट पर मीडिया पैनी नजर रख रही थी। ऐसे में अस्पताल आने की जानकारी मिलते ही प्रेस का उनके पहुंचने से पहले ही वहां जमावड़ा लग चुका था। मीडियाकर्मियों की भीड़ में तीन हमलावर भी शामिल थे, जो दोनों भाईयों की हत्या करने के इरादे से आए थे। पुलिस की जीप से निकलकर अस्पताल की ओर महज चंद कदम ही दोनों भाईयों ने बढ़ाए होंगे, तभी तीनों हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। मौके पर ही अतीक और अशरफ ढ़ेर हो गए। इसके बाद तीनों हमलावरों ने वहीं पर हथियारों के साथ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।

यूपी एसटीएप ने असद का किया था एनकाउंटर

उमेश पाल पर हमले को लीड माफिया अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद अहमद ने ही किया था। घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी कैमरे में उसकी पूरी हरकत कैद हो गई थी। घटना के 46 दिन बाद 13 अप्रैल को झांसी में यूपी एसटीएफ ने असद और वारदात में शामिल एक अन्य शूटर गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके दो दिन बाद ही उसके पिता और चाचा की प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी।

आयशा नूरी लंबे समय से चल रही फरार

अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी और बेटी ऊंजील भी उमेश पाल हत्याकांड के साजिशकर्ताओं में शामिल है। एफआईआर में नाम दर्ज होने के बाद दोनों फरार चल रही है। इन पर शूटरों को छिपाने और उनका सहयोग करने का चार्ज लगा है। इस मामले में प्रयागराज पुलिस पहले ही मेरठ से अतीक के बहनोई यानी आयशा के पति डॉक्टर अखलाक अहमद को गिरफ्तार कर चुकी है। आयशा ने कोर्ट में सरेंडर करने की याचिका भी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

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