Jal Gyan Yatra: बच्चों ने जानी पेयजल की सप्लाई से लेकर आपूर्ति तक की प्रक्रिया, विभाग ने आयोजित किया जल ज्ञान यात्रा
Prayagraj News: यात्रा में स्कूली बच्चों ने शुद्ध पेयजल की सप्लाई से लेकर आपूर्ति तक की प्रक्रिया को अपनी आंखों से देखा। बच्चों को गंगा सफाई के प्रयासों की जानकारी देने के साथ उनको सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भ्रमण कराया गया।
Prayagraj News: नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल से जल ज्ञान यात्रा के माध्यम से प्रयागराज के स्कूली बच्चों को जल की कीमत बताया गया। यात्रा में स्कूली बच्चों ने शुद्ध पेयजल की सप्लाई से लेकर आपूर्ति तक की प्रक्रिया को अपनी आंखों से देखा। बच्चों को गंगा सफाई के प्रयासों की जानकारी देने के साथ उनको सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भ्रमण कराया गया।
जल निगम की प्रयोगशाला में की जाने वाली जांच की उपयोगिता बताने के साथ ही उनको शुद्ध पेयजल सप्लाई से परिपूर्ण हर घर जल गांव घुमाया गया। स्कूली छात्र-छात्राओं ने नल से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे ग्रामीणों से बातचीत की और भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से मिले फायदे को जाना।
हर घर जल योजना के बारे में बच्चों को दी गई जानकारी
जल जीवन मिशन की जल ज्ञान यात्रा का उद्देश्य स्कूली बच्चों को जल के प्रति जागरूक करना और पेयजल परियोजनाओं का सहभागी बनाना है। शुक्रवार को इस कड़ी में स्कूली बच्चों ने पेयजल परियोजनाओं का भ्रमण करते हुए भूजल और ग्रे वाटर ट्रीटमेंट सहित अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी हासिल की। स्कूली बच्चों को शाहबाजपुर मॉडल गांव का भ्रमण कराया गया।
बच्चों ने देखी गंगा सफाई अभियान की झलक
बच्चों को जल संचयन और पानी की बचत के प्रति जागरूक किया गया। इसके बाद स्कूली बच्चों को शाहबाजपुर के फाफामऊ एसटीपी ले जाया गया। यहां उनको गंगा सफाई अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। बच्चों ने गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही पानी सप्लाई की प्रक्रिया को देखा। फील्ड टेस्ट किट से पानी की जांच करती महिलाओं ने बच्चों को बताया कि किस तरह से एफटीके किट से पानी की जांच की जाती है।
जल ज्ञान यात्रा में स्कूली बच्चों को बताया गया कि हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवार किस तरह से लाभान्वित हो रहे हैं। साथ ही योजना लागू होने के पहले हो रही दिक्कतों और वर्तमान में फायदे का अंतर भी समझाया गया। हर घर नल से जल योजना लागू होने के बाद जलजनित बीमारियों में आने वाली कमी और समय की बचत के बारे में भी स्कूली बच्चों को जानकारी दी गई।