Mahakumbh 2025: मेला प्रशासन के साथ बैठक में भिड़ गए साधु संत, जमकर चले लात-घूंसे

Mahakumbh 2025: मेला प्रशासन की अखाड़ों के साथ बुलाई गई बैठक में अखाड़ों के बीच विवाद हुआ। अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई हुई।

Report :  Syed Raza
Update:2024-11-07 18:43 IST

मेला प्रशासन के साथ बैठक में भिड़ गए साधु संत  (फोटो: सोशल मीडिया )

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में मेला प्रशासन के साथ अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु-संतों में जमकर हुई मारपीट। जमीन आवंटन और हर-हर महादेव के नारे को लेकर शुरू हुआ विवाद मारपीट तक पहुंचा। इस घटना को महाकुंभ मेले की शुरुआत से पहले अखाड़ों के बीच शुरू हुई वर्चस्व की जंग के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि मेला प्रशासन की अखाड़ों के साथ बुलाई गई बैठक में अखाड़ों के बीच विवाद हुआ। अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई हुई।

मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली भूमि दिखाने के लिए बैठक बुलाई थी। अखाड़ों के संत महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण के आई ट्रिपल सी सभागार में जुटे थे। इस दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच कहा सुनी हुई और देखते ही देखते उनके बीच मारपीट होने लगी। साधु संत एक दूसरे के पर लात घूंसों और मुक्कों की बौछार करने लगे। साधु संतों के बीच हुई मारपीट से मेला प्राधिकरण सभागार में अफरा तफरी मच गई। बताया जा रहा है जब हाथापाई हुई उस समय महाकुंभ मेला अधिकारी और एसएसपी महाकुंभ मेला मौजूद थे। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत कराया। हालांकि बवाल की चलते बैठक नहीं हो पाई।

दोनों पक्षों का आक्रोश 

अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री हरि गिरी हैं, जबकि दूसरी गुट के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री राजेंद्र दास हैं। सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के गोलोक वासी होने के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है। दोनों गुटों में विभिन्न मुद्दों पर तनाव पहले से था लेकिन बैठक में आमना सामना होने पर दोनों पक्षों का आक्रोश निकल कर बाहर आ गया।


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