इटावा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, हुईं प्रसव पूर्व जांचें, दी गई ये सलाह
मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से जिला महिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य इकाइयों पर मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएसए) दिवस मनाया गया।
इटावा: मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से जिला महिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य इकाइयों पर मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएसए) दिवस मनाया गया। इसके तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) की पहचान, पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के बारे में काउंसलिंग की गई। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिये जारी किए गए प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।
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परिवार नियोजन को भी बढ़ावा
जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा डॉ अशोक कुमार अधीक्षक ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जरिए परिवार नियोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। डॉ कुमार ने बताया कि हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती के लिये जांच शिविर लगाया जाता है।
जनपदीय मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य सलाहकार सीपी सिंह ने बताया कि मंगलवार को जिला महिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य इकाईयों में भी दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती की जाँच हुईं। महिला जिला अस्पताल में करीब 334 गर्भवती की रक्त, यूरिन, ब्लड प्रेशर एवं वजन इत्यादि की जांच हुई और हाई रिस्क प्रेगनेंसी में कुल 55 चिन्हित गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई। इसके साथ ही गर्भवती को कोविड-19 से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ यश्मिता सिंह, डॉ पल्लवी दीक्षित, वरिष्ठ सहायक कुश गुप्ता व रिजवान आदि सहायक स्टाफ उपस्थित रहा।
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पीएमएसएमए पर गर्भवती को मिलती हैं यह सुविधा
समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचे की जाती हैं।
समस्त गर्भवती के गर्भ का द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
टिटनेस का टीका,आयरन व कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।
हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान,प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित किया जाता है।
पोषण,परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के लिये काउंसलिंग भी की जाती है।
रिपोर्ट: उवैश चौधरी