President Election: राजभर ने मुर्मू के समर्थन का किया एलान, बोले- अखिलेश के नवरत्न देते हैं गलत जानकारी
Presidential Election: ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान कर दिया है। अमित शाह ने उनसे मुलाकात कर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कही थी।
Presidential Election 2022: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने का ऐलान किया है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 8 जुलाई की डिनर पार्टी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें फोन कर आमंत्रित किया। मैं वहां गया जहां सीएम योगी आदित्यनाथ और द्रौपदी मुर्मू ने उनसे समर्थन मांगा। जिसके बाद उन्होंने उनसे अपने विधायकों से बात करके 12 तारीख को फैसला करने की बात कही थी। लेकिन उसी बीच मुलायम सिंह यादव की पत्नी का निधन होने के बाद यह बैठक टाल दी गई। इसी बीच दिल्ली से गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का राजभर के पास फोन आया और वह उनसे मिलने राजधानी (Delhi) पहुंचे।
अमित शाह ने राजभर से मुलाकात में उनसे द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा आप दलित, पिछड़ों, वंचितों की लड़ाई लड़ते हैं वह भी सबसे पिछड़ी समाज से आती हैं तो आप उनका समर्थन करिए। जिसके बाद आज ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस कांफ्रेंस कर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन की बात कही है। इस दौरान राजभर ने संकेत दिया है कि वह अब सपा का साथ छोड़ जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ आ सकते हैं।
उन्होंने कहा 8 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास पर योगी आदित्यनाथ और द्रोपदी मुर्मू ने उनसे समर्थन मांगा। उसके बाद गृहमंत्री ने फोन कर उन्हें बुलाया, मुलाकात की और उनका साथ देने की बात कही तो अब वह किसके साथ जाएं। अखिलेश यादव को उनके वोट की जरूरत नहीं है, वह उन्हें अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाए तो कैसे उन्हें वोट दे सकते हैं।
सपा प्रमुख पर राजभर का करारा वार
सपा से आगे गठबंधन रहने के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सिपहसालार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा उनके नवरत्न में से एक रत्न का 5 जुलाई को फोन आया कि अब आप अपना रास्ता देखिए हम अपना देखेंगे। जिसके बाद एक और फोन आया कि 7 जुलाई को बैठक है आप अपने विधायकों को लखनऊ बुला लीजिए। लेकिन 7 जुलाई को फिर से फोन किया गया कि बैठक कैंसिल है उसके बावजूद शाम को अखिलेश यादव की बैठक हुई। यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के समर्थन की बात हुई। जिनमें उनके सहयोगी जयंत सिन्हा भी थे। लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव के नवरत्न में से एक रत्न उन्हें जो मैसेज दिए उसी हिसाब से वह कार्य कर रहे थे।
राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव के साथ रहने वाले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं, हम प्राथमिक विद्यालय के मास्टर। हम निचले स्तर पर गरीबों, पिछड़ों, वंचितों की लड़ाई लड़ते हैं। उनके आसपास के लोग उन्हें क्या बात बताते हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यही बोले थे एसी के कमरों से निकलकर उन्हें जनता के बीच में जाना चाहिए। अगर यह बात उन्हें बुरी लगी इसमें वह बता दें क्या गलत था। उन्होंने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा की वह बड़े लोग हैं हम पिछड़ों, दलितों की बात करते हैं तो उन्हें बुरा लगता है।
ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के करीबियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो अपना बूथ नहीं जितवा सकते वह उन्हें सलाह दे रहे हैं। सपा प्रमुख भी उन्हीं की बात को मानते हैं। उन्होंने कहा आजमगढ़ के उपचुनाव में नवरत्न में से एक भी रत्न वहां नहीं दिखाई दिया। सपा को कोई पूछने वाला नहीं था। वहां कोई दिखाई दिया तो सिर्फ ओमप्रकाश राजभर ने प्रचार किया था।
क्या सपा के साथ रहेंगे गठबंधन में?
सपा से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ द्रौपदी मुर्मू के समर्थन देने की बात हुई है। आगे का रास्ता बाद में तय किया जाएगा। अभी वह समाजवादी पार्टी के साथ हैं लेकिन जब उनकी ओर से मना किया जा रहा है तो उन्हें भी सोचना होगा।