बाबर के वंशज प्रिंस याकूब ने की राम मंदिर निर्माण वकालत की, कहा- राजनेता इस पर बेवजह कर रहे है राजनीति
गोरखपुर: बाबर और बहादुर शाह जफर के वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण की वकालत की है। उनका कहना है कि इस मुद्ददे पर हिन्दू-मुसलमान का कोई विवाद नहीं है। राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। वे राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की वकालत करेंगे। उन्होंने कहा कि वे कल दिल्ली से चक्रपाणि महाराज के नेतृत्व में रथयात्रा लेकर विभिन्न शहरों से होते हुए अयोध्या पहुंचेंगे और वहां रामलला के दर्शन कर मंदिर निर्माण की बात पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनेगा, तो पहली सोने की ईंट वे रखेंगे। गोरखपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान प्रिंस याकूब ने ये बात कही।
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प्रिंस याकूब ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे विवादित ढांचा बोला है। वहां पर न मंदिर का मसला है और न मंदिर का। वहां पर जमीन का मसला है। टाइटल सूट के मुताबिक यह जमीन बाबर के निकल रही है। इस मामले में हमने राष्ट्रपति से समय मांगा है। क्योंकि राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उस पर वे कोर्ट को निर्देश दे सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि वे पुराने पक्ष को सुनेंगे। लेकिन, सुन्नी वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी की ओनर नहीं बन सकती है। हम प्रॉपर्टी के ओनर हैं। हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक पिटीशन भी फाइल करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए।इस मुद्दे को पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट को रेफर किया जाए और मंदिर बनवा दिया जाए।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओएस 5973 सिटी सिविल कोर्ट हैदराबाद 2002 में यह कंफर्म कर दिया और हमें डिग्री दे दिए कि हम बाबर के वंशज हैं। कोर्ट ने डॉक्यूमेंट के एविडेंस में इसे कंफर्म किया है। किसी के बोलने और नहीं बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मुगलों के वक्फ की प्रॉपर्टी के हम मुतवल्ली है। हमारे पास सारे पेपर भी मौजूद हैं। हमने 2 साल पहले राष्ट्रपति से मुलाकात भी की थी। इस बार जो मुलाकात हम करने वाले हैं। राम मंदिर के सिलसिले में हमने जो टाइम मांगा है। जैसे ही हमें टाइम मिलेगा ये पिटीशन हमारी तरफ से उन्हें हैंड वर्क कर दी जाएगी। प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया को पावर होता है कि वह सुप्रीम कोर्ट को डायरेक्शन दे सकता है। नहीं तो इस मुद्दे को पार्लियामेंट में ट्रांसफर कर सकता है।
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राम मंदिर को लेकर जिस तरह से देश में राजनीति और खिलवाड़ हो रहा है हम चाहते हैं कि उसे जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाए हिंदुस्तान में जो गंगा-जमुनी तहजीब की बात कही जाती है। जो प्रेम और सद्भाव है वह कायम रहे। मैं जानता हूं कि यह लोग राम लला और राम मंदिर के मुद्दे को कभी खत्म नहीं करेंग। आने वाले दिनों में इसमें दुश्मनी या बढ़ती जाएंगी। इसलिए हम चाहते हैं कि जहां जमीन का मसला रहा है, वहां मस्जिद की बात नहीं हो रही है। जमीन बाबर की निकल रही है, तो हमारी तरफ से ये मंदिर के निर्माण के लिए दे दी जाए। उन्होंने कहा कि मंदिर बनता है, तो सबसे पहले पहली सोने की ईंट वहां पर रखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में हम संदेश नहीं चुनौती देने आए हैं। क्योंकि हम 2 साल से समय मांग रहे हैं उनके हम बड़े फलोवर भी हैं। देश और राष्ट्र के लिए वे बहुत अच्छा कर रहे हैं। योगी जी ने इसके पहले बयान दिया था कि वहां पर मंदिर भगवान श्री राम बनाएंगे और फिर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। तो मैं कह रहा हूं कि मैं सुप्रीम कोर्ट में एनओसी देने के लिए तैयार हूं। वे जनता से भी खिलवाड़ न करें। आप जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण करें।
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तुसी ने कहा कि हम राष्ट्रपति को लिखकर दे रहे हैं. आप हमारे साथ आएं. उनका कहना है कि राष्ट्रपति के पास यह मुद्दा जाएगा, तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. क्योंकि वे कागजात के आधार पर वहां जाने की बात कह रहे हैं। जमीन बाबर की निकल रही है, तो हम उनके वंशज है। इसके डॉक्यूमेंट पर कोर्ट ने भी मुहर लगाई है। जब कोर्ट ने मान लिया है, तो राष्ट्रपति की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को आदेश आएगा, तो उनको मानना पड़ेगा। विवादित ढांचा गिराने के बाद वह सामने इसलिए नहीं आए क्योंकि वह इस मसले में नहीं पड़ना चाहते थे। लेकिन, दिन पर दिन हालत खराब होते जा रहे हैं।2019 के बाद 2024 में भी यह मुद्दा खत्म नहीं होगा। हिंदू-मुसलमान की नई पीढ़ी के दिलों में नफरत पैदा हो रही है। इसलिए वे चाहते हैं कि यह मुद्दा जल्द से जल्द खत्म हो।
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उनका कहना है कि 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था इसके साथ जुड़ी हुई है. मंदिर तो बहुत सारे यहां पर बनते हैं। लेकिन, रामलला की जो जन्म भूमि है, ये बाबर की वसीयत से साबित कर देती है कि मंदिर को मीर बाकी ने तोड़ा था। मंदिर वहां पर बन जाता है, तो लोगों की आस्था भी कायम रहेगी। वे राष्ट्रपति से मांग करेंगे कि 240 मसाजिद बंद पड़ी है, उसे खुलवा दें। मुसलमान उसमें नमाज पढ़ेंगे।. हमने गोरखपुर में आकर चुनौती दी. हमने मोदीजी से भी बोला है कि अगर आपके पास वक्त है, तो वे कल हमारी300 गाड़ियों की राम रथयात्रा निकल रही है। दिल्ली से हम खुद रामलला के अखाड़े लेकर आ रहे हैं। इस रथयात्रा में हिंदू-मुसलमान दोनों शामिल हैं। हम प्रेम का संदेश देना चाहते हैं। लेकिन, इसके बाद भी अगर बीजेपी नहीं करती है, तो हम बीजेपी के नेतृत्व को इतनी बड़ी चुनौती नहीं देते।
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उन्होंने कहा कि हम तो सारे देश के लिए हैं। हमने पहले ही कह दिया कि हमें कोई चुनाव नहीं लड़ना हम देश के हैं, सबके हैं। बीजेपी इस बारे में प्रयास नहीं करती है, तो हम जो पार्टी राम मंदिर के निर्माण का प्रयास करेगी, उसके साथ होंगे। जो मेरे दादा ने1857 में कुर्बानी दी थी. तो इस देश के लिए हमारी जान भी जाती है, तो हमें कोई परवाह नहीं है।