यूपी की जेलों में बंद हैं सजा ए मौत के 69 कैदी, फंदे पर लटकने का है इंतजार
फांसी की बात करें तो 14 अगस्त 2004 को बंगाल में धंनजय चटर्जी को फांसी दिये जाने के बाद से अब तक सिर्फ तीन लोगों की फांसी के फंदे पर लटकाया जा सका है। इन तीनों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था।
लखनऊ: निर्भया बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा बरकरार रहने के बाद अब दोषियों को फंदे पर लटकाये जाने का इंतजार है। लेकिन फांसी के मामलों की लंबी प्रक्रिया को देखते हुए तत्काल इन्हें फांसी होने की संभावना नहीं दिखती।
सिर्फ उत्तर प्रदेश की जेलों में ही फांसी के 69 सजायाफ्ता कैदी हैं, जिन्हें सजा होने के बाद जल्दी फंदे तक नहीं पहुंचाया जा सका है।
फांसी का इंतजार
फांसी की बात करें तो 14 अगस्त 2004 को बंगाल में धंनजय चटर्जी को फांसी दिये जाने के बाद से अब तक सिर्फ तीन लोगों को फंदे पर लटकाया जा सका है। इन तीनों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था।
जहां तक फांसी का सवाल है, सजा पर अमल के लिए सरकार कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बहुत सी जेलों में तो जल्लाद तक नहीं हैं। इनमें इलाहाबाद की नैनी सेन्ट्रल जेल भी शामिल है।
यूपी की विभिन्न जेलों में कुल 69 ऐसे कैदी हैं जिन्हें न्यायायल द्वारा फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इनमे निठारी में कई मासूमों का हत्यारा सुरेन्द्र कोली भी है। यह जानकारी यूपी के जेल मुख्यालय के जेल उपमहानिरीक्षक ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यालय में उपलब्ध ये आंकड़े 28 फ़रवरी 2017 तक के हैं। उन्होंने बताया कि फांसी के सजायाफ्ता कैदियों में से ज्यादातर कैदियों ने अपनी सजा को अगली अदालत में चुनौती दे रखी है। लेकिन कुछ कैदी ऐसे भी हैं जिनकी सजा सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखी है। तो कुछ कैदी ऐसे भी हैं जिनकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।
नैनी जेल में हैं फांसी के पांच सजायाफ्ता
इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में पांच ऐसे कैदी हैं, जिन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अब इनका मामला हाईकोर्ट में लंबित है। हालांकि, नैनी सेंट्रल जेल में फांसी देने की कोई व्यवस्था भी नहीं है। कारागार विभाग ने काफी अरसे से यहां कोई जल्लाद भी नियुक्त नहीं किया है।
आगरा में सलीम को मौत का इंतज़ार
आगरा की सेंट्रल जेल में अपनी ससुराल के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाला सलीम अपनी फांसी का इंतज़ार कर रहा है। वहीं मुरादाबाद जेल में बंद उसकी पत्नी शबनम पर भी अपने माता-पिता और दो भाइयों समेत परिवार के सात लोगों की हत्या का इल्जाम है। गौरतलब है कि सजा सुनाने के बाद सेशंस कोर्ट ने इन दोनों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया था, लेकिन अगली अदालत में सजा को चुनौती देने का मौका न दिये जाने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उनका डेथ वारंट रद्द कर दिया था।
बरेली में दो, फतेहगढ़ में एक को फांसी का इंतजार
प्रदेश के बरेली स्थित केंद्रीय कारागार में दो ऐसे अपराधी हैं, जिन्हें अदालत ने फांसी की सजा सुना दी है। लेकिन उन्होंने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीं, फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में एक कैदी पप्पू कोरी को निचली अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई है।
मेरठ जेल में है निठारी का हत्यारा
नोएडा के निठारी में नरकंकालों के मिलने के बाद सनसनी बने हत्यारे सुरेंद्र कोली को फांसी की सज़ा सुनाये जाने के बाद मेरठ जेल में बंद रखा गया है। गैरतलब है कि उसे एक से ज्यादा मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
इस तरह यूपी के जेलों में 69 ऐसे कैदी बंद हैं, जिन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। लेकिन लंबी प्रक्रिया के चलते अभी इन्हें फंदे तक पहुंचाने में और समय लग सकता है।