मनमानी पर उतारू यूपी के प्राइवेट स्कूल...हर साल बढ़ जाती है फीस और बदल जाती हैं किताबें

Update:2017-04-04 18:41 IST

आगरा : एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे के प्राइवेट स्कूलों में साल दर साल बढाई जा रही बच्चों की फीस और किताबों के बदलने से नाराज हैं। और उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को इससे निपटने के कड़े निर्देश दिए हैं। वहीँ आगरा में इन स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ रहा। फीस में वृद्धि भी हो रही, और स्कूलों में बिना बिल के स्टेशनरी की बिक्री भी हो रही है।

ये भी देखें :प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने किया अर्धनग्न प्रदर्शन, दिया 2 दिन का ULTIMATUM

शहर के लगभग सभी बड़े प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस में वृद्धि कर दी है। इसके साथ ही स्कूल द्वारा निर्धारित दूकान से ही किताब खरीदना भी अनिवार्य कर दिया गया है। मनमानी का आलम ये है, कि हर साल फीस वृद्धि के साथ ही किताबें और यूनीफार्म भी बदल दी जाती है।

स्कूल द्वारा निर्धारित दुकाने अभिभावकों को कच्चा बिल थमा देते हैं। जब कच्चे बिल पर कोई आपत्ति करता है, तो उसे घंटों खड़ा किया जाता है। समय न ख़राब हो इस लिए वो मन मसोस कर कच्चा बिल ही लेने को मजबूर हैं।

क्या है ये धंधा

दरअसल प्राइवेट स्कूल प्रबंधन हर साल कई पब्लिशर और दुकानदारों से कोटेशन मांगते हैं। जो उन्हें अधिक से अधिक कमीशन देता है, उसकी किताबें और कापियां स्कूल में साल भर के लिए मान्य हो जाती हैं, इसी तरह यूनिफार्म में भी खेल होता है।

Tags:    

Similar News