Priyanka Gandhi Letter: प्रियंका गांधी ने PM को लिखा पत्र, बोलीं- लखीमपुर के किसानों को दीजिए न्याय, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
Priyanka Gandhi Letter: कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र को मीडिया के सामने पढ़ा और प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री और योगी सरकार तक को घेरा है।
Priyanka Gandhi Letter: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (20 नवंबर) यूपी की राजधानी (Narendra Modi Lucknow) में हैं और वह डीजीपी कॉन्फ्रेंस (DGP Conference) में शिरकत कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी यूपी चुनाव (UP Elections 2022) की तैयारियों के लिए लखनऊ में डटी हुई हैं। प्रियंका गांधी आज सुबह-सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि कल आपने काले कृषि कानून वापस (krishi kanoon wapas) लेने के फैसले का स्वागत है। लेकिन अब आप लखीमपुर में शहीद हुए किसान परिवारों को भी न्याय दिलाने का काम कीजिए। प्रियंका ने पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र (Priyanka Gandhi letter) को मीडिया के सामने पढ़ा और प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री और योगी सरकार तक को घेरा है।
प्रियंका गांधी का पीएम मोदी के नाम पत्र
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
नमस्कार, लखनऊ आगमन पर आपका स्वागत।
कल आपने 3 काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकार करते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की। मैंने अखबारों में पढ़ा है कि आज आप लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की कानून व्यवस्था सम्भालने वाले आला अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
लखीमपुर किसान नरसंहार (lakhimpur kheri case) में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज़ को दबाने की कोशिश की। माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि, सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
महोदय, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूँ। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जाँच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की क़ानून व्यवस्था के ज़िम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह (Amit Shah) जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।
आप देश के प्रधान मंत्री हैं, आप देश के किसानों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। कल देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।
लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, श्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी क़ातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा।
अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए।
देश भर में किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।