दर्शन के बाद रायपुर पहुंची प्रियंका गांधी, मजार पर मांगी दुआ

यहां के प्रबंधन ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को खानकाह रहीमी का रायपुर का मुख्तसर परिचय का एक फ्रेम किया हुआ तस्वीर भी सौंपी।

Update:2021-02-10 16:06 IST
दर्शन के बाद रायपुर पहुंची प्रियंका गांधी, मजार पर मांगी दुआ (PC: social media)

सहारनपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहारनपुर जनपद में सिद्ध पीठ शाकंभरी देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद नजदीक ही के गांव रायपुर में स्थित रहीमी खानकाह शाह अब्दुर्रहीम पर पहुंची हैं। जहां उन्होंने मजार की जियारत की और दुआ कराई। ये पहली बार है जब कोई राजनैतिक हस्ती खानकाह रहीमी रायपुर में आयी है।

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हजरत मौलाना शाह अब्दुल रहीम रायपुरी ने वर्ष 1882 में रखी थी

यहां के प्रबंधन ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को खानकाह रहीमी का रायपुर का मुख्तसर परिचय का एक फ्रेम किया हुआ तस्वीर भी सौंपी। आपको बता दे कि खानकाह रहीमी रायपुर की भारतीय उपमहाद्वीप में एक महान सुधारक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण पहचान रही है। दोआबा और माउंट शिवालिक के पैर के बीच कस्थान के कारण रायपुर और इसके इर्द गिर्द के इलाके बहुत खुबसुरत हैं। इस खानकाह की नींव हजरत मौलाना शाह अब्दुल रहीम रायपुरी ने वर्ष 1882 में रखी थी।

देश की आजादी की मुहिम मे चला रेशमी रूमाल आन्दोलन में इस खानकाह की अहम भूमिका रही थी

उन्हें उनके पहले शेख और मुर्शीद हज़रत मियाँ अब्दुल रहीम सहारन पुरी द्वारा इस क्षेत्र के मुसलमानों की धार्मिक लापरवाही और दुर्दशा को देखकर यहाँ भेजा गया था। देश की आजादी की मुहिम मे चला रेशमी रूमाल आन्दोलन में इस खानकाह की अहम भूमिका रही थी। 1919 में हज़रत मौलाना शाह अब्दुल रहीम रायपुरी की मृत्यु के बाद, उनके शिष्य हज़रत मौलाना शाह अब्दुल कादिर रायपुरी ने इस खानकाह के मिशन धार्मिक जागृति, इस्लामी वर्चस्व और अल्लाह के साथ संबंध को ही जारी रखा। आपके समय, इस खानकाह का दायरा ओर व्यापक हो गया और एक विश्व को इससे लाभ हुआ।

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1962 में हजरत मौलाना शाह अब्दुल कादिर रायपुरी की मृत्यु और उनके शिष्य व उत्तराधिकारी हजरत मौलाना शाह अब्दुल अजीज रायपुरी के 1947 के बाद पाकिस्तान में बसने के बाद, यह खानकाह एक रेहबर को खोकर वीरान होगयी ओर भारत में इसकी केंद्रीयता, कार्यक्षमता और सेवाओं पर असर पड़ा है।

रिपोर्ट- नीना जैन

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