लापरवाही में दर्ज एफआईआर में डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

कोर्ट ने राज्य सरकार व विपक्षी से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 16 सितम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खंडपीठ ने मरियमपुर हास्पिटल कानपुर की डाक्टर मनाली तिवारी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक चैहान ने बहस की।

Update: 2019-08-10 16:16 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाज में लापरवाही के दौरान अंगूठा कट जाने पर नजीराबाद थाने में दर्ज एफआईआर के तहत डाक्टर के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी है और पीड़ित के पिता रवि पुष्कर निवासी बनारसीदास औरैया को नोटिस जारी की है।

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कोर्ट ने राज्य सरकार व विपक्षी से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 16 सितम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खंडपीठ ने मरियमपुर हास्पिटल कानपुर की डाक्टर मनाली तिवारी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक चैहान ने बहस की।

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उनका कहना था कि याची के खिलाफ धारा 326 का अपराध नहीं बनता। डाक्टर ने मरीज का इलाज किया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके बच्चे मोक्ष के बाएं हाथ से बीनो निकालते समय उसका अंगूठा काट दिया और कहा कि नाखून कट गया है। बाद में पता चला की अंगूठा काट दिया है। कोई मुआवजा भी नहीं दिया। वह गरीब है, बच्चे का इलाज भी नहीं करा पा रहा। डाक्टर की लापरवाही से बच्चे का अंगूठा काट दिया गया।

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