Basti Kabir Hatyakand: कबीर हत्याकांड में दो साल बाद भी एसआईटी जांच पर फैसला नहीं, परिजनों का धरना शुरू, आत्मदाह की चेतावनी
Basti Kabir Hatyakand: दो वर्ष पूर्व 9 अक्टूबर 2019 को कबीर तिवारी की दिन दिनदहाड़े कोतवाली थाना क्षेत्र के रंजीत चौराहे के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
Basti Kabir Hatyakand: कबीर तिवारी हत्याकांड का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। एसआईटी जांच की मांग पर दो साल में भी शासन से फैसला न होने पर न्याय की मांग को लेकर 'तुलसी' की अगुवाई में शास्त्री चौक पर परिजनों का एक बार फिर धरना शुरू हो चुका है। परिजनों ने डीएम या सांसद के आवास पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी है।
बता दें कि दो वर्ष पूर्व 9 अक्टूबर 2019 को कबीर तिवारी (Kabir Tiwari) की दिन दिनदहाड़े कोतवाली थाना क्षेत्र के रंजीत चौराहे के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल था, शहर में कई जगह आगजनी और रोडवेज की कई बसें तोड़ी गई थी, इस हत्या के बाद तत्काल शासन ने तत्कालीन जिला अधिकारी बस्ती माला श्रीवास्तव व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बस्ती पंकज श्रीवास्तव का जिले से ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद आशुतोष निरंजन जिला अधिकारी बस्ती व हेमराज मीणा पुलिस अधीक्षक बस्ती की नई तैनाती हुई थी।
हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर काफी समय तक शास्त्री चौक पर धरना दिया था। इसके बाद बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी और तत्कालीन डीएम आशुतोष निरंजन के आश्वासन पर धरना खत्म कर दिया गया था। जिसमें सांसद हरीश द्विवेदी व तत्कालीन जिलाधिकारी बस्ती आशुतोष निरंजन ने आश्वासन दिया था कि कबीर हत्याकांड की जांच एसआईटी से कराई जाएगी, लेकिन दो साल बीत गये कोई जांच नहीं हुई। पीड़ित परिजनों ने आहत होकर और कोई निष्पक्ष जांच न होने से एक बार फिर से धरना शुरू कर दिया है।
कबीर तिवारी के भाई बीएन तिवारी 'तुलसी' ने आरोप लगाया की बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी और तत्कालीन डीएम आशुतोष निरंजन ने हमारे साथ धोखा किया है। हम को गुमराह कर धरने को समाप्त करवाया था। मगर अब जब तक निष्पक्ष जांच किसी बड़ी एजेंसी से नहीं होगी हम नहीं हटेंगे अन्यथा हम लोग जिला अधिकारी कार्यालय व सांसद बस्ती के घर पर आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे, अगर हम लोगों के साथ कोई घटना घटित होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला अधिकारी बस्ती व सांसद बस्ती की होगी।
इस बीच धरने को समर्थन देने के लिए पहुंचीं समाजसेवी बबीता शुक्ला ने कहा की इसकी जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए, तभी हम लोग धरना समाप्त करेंगे।
इस मामले में जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि, तत्कालीन डीएम बस्ती आशुतोष निरंजन और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने इन लोगों की मांग को शासन को भेज दिया था। एसआईटी जांच की मांग थी, इन लोगों की जांच शासन को भेज दी गई थी, उसी समय शासन में मामला विचाराधीन है। कबीर हत्याकांड में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल हो चुकी है और पुलिस आरोपियों को जेल भी भेज चुकी है।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक बस्ती आशीष श्रीवास्तव ने कहा पूरे प्रकरण को शासन को अवगत करा दिया गया है इन लोगों की जो मांगी थी वह मांग यहां से लिखित शासन को भेजी गयी है जो शासन में विचाराधीन है।
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