Basti News: स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण गरीबों को मिला संपत्ति अधिकार, मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने वितरित किये कार्ड
Basti News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत देश और प्रदेश में करोड़ों लोगों को घरौनी (स्वामित्व संपत्ति कार्ड) प्रदान किया गया।;
Basti News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत देश और प्रदेश में करोड़ों लोगों को घरौनी (स्वामित्व संपत्ति कार्ड) प्रदान किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे गरीब, दलित, पिछड़े और शोषित वर्गों को उनके घर का स्वामित्व प्रदान करना है। बस्ती जिले में राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने इस योजना के तहत लाभार्थियों को घरौनी वितरित की। इस योजना के तहत अब तक बस्ती जिले में 1.6 लाख लोगों को उनके घर का स्वामित्व अधिकार मिल चुका है।
राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि इस योजना से उन लोगों को खासतौर पर लाभ मिलेगा जो बंजर और डीह की जमीन पर रह रहे थे, लेकिन उनके पास स्वामित्व संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना से दलित, शोषित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके घर का स्वामित्व अधिकार मिल रहा है, जिससे उनके पास अब वैध दस्तावेज होंगे और वे सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे। सरकार की यह योजना गरीबों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है, क्योंकि अब बिना जाति-पाती के, सभी को स्वामित्व का अधिकार मिल रहा है।
हालांकि, जमीनी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन अभी भी सवालों के घेरे में है। बस्ती जिले में मंत्री जी द्वारा जिन लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड दिए गए, उनसे बातचीत में यह पता चला कि उन्हें इस योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। उनका कहना था कि ग्राम प्रधान ने उन्हें बताया था कि उन्हें स्वामित्व कार्ड मिलेगा, लेकिन जब यह पूछा गया कि क्या लेखपाल उनके घर आए थे, तो उनका जवाब था कि कोई लेखपाल उनके घर नहीं आया और न ही कोई चिन्हित कार्यवाही हुई थी।
स्वामित्व योजना के तहत, सरकार ने यह तय किया है कि राजस्व विभाग की टीम घर-घर जाकर सर्वे करेगी और उस इलाके में चिन्हित कार्यवाही के तहत ड्रोन के माध्यम से फोटो खींचे जाएंगे। लेकिन जिन लाभार्थियों को कार्ड मिल चुके हैं, उनका कहना है कि उनके घर पर लेखपाल नहीं आए और न ही चुना गिराकर फोटो खींचा गया। इसके बावजूद, उन्हें प्रमाण पत्र मिल गया, लेकिन अब भी उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि उनके घर का कितना हिस्सा निर्धारित किया गया है।