Basti News: बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से किसान परेशान, सरकार की मंशा पर उठ रहे सवाल
बस्ती जनपद में गन्ना किसानों का लगभग 99 करोड़ रुपया बकाया है।
Basti News: प्रदेश सरकार दावा करती है कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, लेकिन बस्ती जिले में गन्ना किसानों का मूल्य का भुगतान प्रदेश सरकार नहीं करा पा रही है। बस्ती जनपद में गन्ना किसानों का लगभग 99 करोड़ रुपया बकाया है। हम यहां बात कर रहे हैं बस्ती जिले के बजाज ग्रुप चीनी मिल अठदमा रुधौली की। इस चीनी मिल पर गन्ना किसानों का लगभग 45 करोड़, 54 लाख, 74 हजार रुपए बकाया है। बजाज ग्रुप चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का भुगतान न करने से गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ी हो गई है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बस्ती जिले में सरकार द्वारा चलाई गई सरकारी चीनी मिल मुंडेरवा गन्ना किसानों का 10 करोड़, 23 लाख, 36 हजार रुपए बकाया है। ऐसे में योगी सरकार का दावा फेल होता नजर आ रहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। लेकिन सरकारी चीनी मिलों से गन्ना किसानों का सरकार भुगतान नहीं करा पा रही है। जबकि सरकार दावा करती है कि गन्ना किसानों के गन्ना तौल होने के बाद 15 दिन बाद भुगतान हो जाएगा।
यही हाल शुगर मिल वाल्टरगंज चीनी मिल का है। यह चीनी मिल वर्ष 2018 में बंद हो गई। लेकिन जिला प्रशासन अब तक तिरालिस करोड़ रुपया बकाया किसानों का गन्ना मूल्य का अभी तक भुगतान नहीं करवा पाई है। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि बच्चों को एडमिशन भी नहीं हो पा रहा है। गन्ना किसानों ने सीधा आरोप लगाया कि हमारा नगदी फसल गन्ना है और गन्ना मूल्य का भुगतान सरकार चीनी मिलों पर दबाव देकर नहीं करा पा रही है। स्कूल खुल गया है लेकिन हम लोग अपने बच्चों का दाखिला तक नहीं करवा पा रहे हैं। न ही हमारे घरों में जो बीमार हैं, उनकी दवा हो पा रही है।
किसानों ने जनप्रतिनिधियों से शिकायत की लेकिन गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में कोई सहयोग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा। फिलहाल जिला गन्ना अधिकारी मंजू सिंह ने बताया कि हम जल्द ही बजाज ग्रुप अठदमा रुधौली चीनी मिल से गन्ना किसानों का भुगतान करा ले जाएंगे। साथ ही मुंडेरवा चीनी मिल का जो बकाया है, उसका भी भुगतान हो जाएगा। वाल्टरगंज चीनी मिल का जो किसानों का गन्ना बकाया है उसके लिए चीनी मिल मालिकों को आरसी काटी गई है और साथ ही चीनी मिल की नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है, जिससे किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाए।