Chandauli News: जिलास्तरीय दिशा की बैठक में शामिल होंगे केंद्रीय मंत्री, जांची परखी जाएंगी जिले की योजनाएं

Chandauli News: इस बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित 42 से अधिक योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। दिशा की बैठक एक अति आवश्यक बैठक होती है, जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही बड़ी योजनाओं की समीक्षा की जाती है।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Monika
Update:2021-09-22 21:48 IST

 केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय (फोटो : सोशल मीडिया )

Chandauli News: चंदौली (Chandauli) में जिला स्तर पर गठित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की एक समीक्षा बैठक (samiksha baithak) आयोजित की जा रही है, जिसमें चंदौली जिले के सांसद और मोदी सरकार (Modi government) में कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय (Dr. Mahendra Nath Pandey) अध्यक्ष के रूप में शामिल होंगे। इस बैठक में चंदौली जनपद से जुड़े समस्त सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्ष के साथ-साथ समस्त ब्लाक प्रमुख शिरकत करेंगे।

इस बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित 42 से अधिक योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। दिशा की बैठक एक अति आवश्यक बैठक होती है, जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही बड़ी योजनाओं की समीक्षा की जाती है। अगर इन 42 योजनाओं के क्रियान्वयन को इमानदारी से जांचा परखा जाए तो जिले का कायाकल्प हो सकता है।

अगर इस बैठक में शामिल होने वाले समस्त जनप्रतिनिधि अपने अपने इलाके में इन योजनाओं की हकीकत को जांचने और परखने का काम करें, तभी इन योजनाओं को धरातल पर उद्देश्य के अनुसार उतारा जा सकता है.. अन्यथा बैठक महज एक कागजी खानापूर्ति और रिपोर्टिंग तक सीमित होकर रह जाती है।

कलेक्ट्रेट परिषद सभागार में आयोजित बैठक 

आपको बता दें कि चंदौली जिले की जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक को 28 सितंबर को सुबह 10 बजे से कलेक्ट्रेट परिषद सभागार में आयोजित की गयी है। इस बैठक में चंदौली जिले के सांसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के साथ-साथ राबर्टसगंज (Robertsganj) लोकसभा सीट के सांसद, चंदौली (Chandauli) जिले के समस्त विधानसभाओं के विधायक, विधान परिषद सदस्य, चंदौली जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, सभी नगर पंचायतों के अध्यक्ष और समस्त क्षेत्र पंचायत प्रमुख इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण गया हैं। इसके अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी अपने-अपने विभाग की प्रगति आख्या लेकर इस बैठक में शामिल होंगे।

आमतौर पर देखा जाता है कि ऐसी बैठकों में आला अधिकारी अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करते हैं और पेंडिंग कार्यों को कुछ इस तरह से दिखाते हैं, जैसे उनकी कोई गलती ही ना हो.. लेकिन उस बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी होती है कि अपने इलाके में योजना के क्रियान्वयन पर सही सही जानकारी दें, ताकि इस बैठक की उपादेयता सुनिश्चित हो सके।

निर्वाचित जनप्रतिनिधि ऐसी बैठकों में जाने से करते हैं परहेज 

इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के जनप्रतिनिधि शामिल होते हैं, लेकिन आमतौर पर यह देखा जाता है कि सत्ता पक्ष के प्रतिनिधियों को वरीयता मिलती है तो वहीं विपक्ष की आवाज पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता, जिसके चलते कई बार निर्वाचित जनप्रतिनिधि ऐसी बैठकों में जाने से परहेज करते हैं।

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