Gorakhpur News: तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित करने के लिए चार अस्पताल तैयार, 17 पीकू वार्ड का इंतजाम करेगा एचयूआरएल

Gorakhpur News: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय (Dr. Sudhakar Pandey) ने बताया कि सभी अस्पतालों पर मॉक ड्रिल करवाया जा चुका है।

Published By :  Shweta
Update: 2021-09-22 12:28 GMT

कोरोना वायरस (फोटोः सोशल मीडिया)

Gorakhpur News:  कोविड की तीसरी लहर (corona third wave) की आशंकाओं के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुकम्मल तैयारियां पूरी कर ली हैं। बच्चों के इलाज के लिए भी इंतजाम किये गये हैं । ग्रामीण इलाकों के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और 100 बेड वाले टीबी अस्पताल पर बच्चों (kids) को भर्ती करने और इलाज करने की सुविधा मुहैय्या हो गयी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय (Dr. Sudhakar Pandey) ने बताया कि सभी अस्पतालों पर मॉक ड्रिल करवाया जा चुका है। वहीं बच्चों को सुरक्षित करने के लिए हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) में पीकू (बाल सघन चिकित्सा इकाई) वार्ड विकसित करेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि लोगों को सामुदायिक सहयोग के जरिये प्रयास करना चाहिए कि तीसरी लहर जैसी स्थिति आने ही न पाए। अगर लोग मॉस्क लगाएं, हाथों को स्वच्छ रखें और दो गज की दूरी के नियम का पालन करें तो बीमारी को रोका जा सकता है ।

कोविड टीकाकरण (corona vaccination) सभी लोग आवश्यक तौर पर करवाएं। चूंकि बच्चों के लिए अभी टीका नहीं आया है, इसलिए इस बार कोविड की तैयारियों में बच्चों के लिए विशेष इंतजाम हैं, हांलाकि व्यवहार परिवर्तन के जरिये तीसरी लहर को रोका जा सकता है। इसलिए बच्चों को भी कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) के प्रति सतर्क रखें और खासतौर से जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उनकी निगरानी शिक्षक और अभिभावकों के जरिये की जाए। बुखार का कोई भी लक्षण दिखे तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें ।

बच्चों के लिए आरक्षित होंगे 10-10 बेड

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी (District Surveillance Officer Dr. A.K. Chieftain) ने बताया कि हरनही, चौरीचौरा, बड़हलगंज और कैंपियरगंज सीएचसी पर 10-10 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किये गये हैं । इनमें दो बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) के, छह बेड ऑक्सीजन युक्त और दो बेड बिना ऑक्सीजन के होंगे। इसी प्रकार 100 बेड टीबी अस्पताल में , 40 बेड बच्चों के लिए आरक्षित होंगे। इन 40 बेड में से 20 एचडीयू के जबकि 20 बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे । इन सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट लगाए जा चुके हैं । कोविड के लिए जिले की कुल एंबुलेंस में से 25 एंबुलेंस रिजर्व रखे गये हैं। बच्चों के बीमारी के मामले में आवश्यकता पड़ने पर 102 नंबर एंबुलेंस की सेवा भी ली जाएगी । पूर्व की भांति 52 निजी अस्पताल भी कोविड के इलाज के लिए अधिकृत होंगे। आवश्यकतानुसार और भी निजी अस्पताल अधिकृत किये जाएंगे। जिन अस्पतालों में बच्चों के इलाज की सुविधा होगी, उनमें बच्चों के इलाज के लिए आवश्यकतानुसार बेड आरक्षित किये जाएंगे।

बच्चों के लिए 17 सीएचसी में पीकू वार्ड तैयार करेगा एचयूआरएल

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों (third wave kids)  को सुरक्षित करने के लिए हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) में पीकू (बाल सघन चिकित्सा इकाई) वार्ड विकसित करेगा। एक साल तक पीकू वार्ड में चिकित्सकों से लेकर पैरा मेडिकल स्टॉफ की तैनाती भी एचयूआरएल ही करेगा। इस कार्य पर करीब 25 करोड़ रूपये खर्च होंगे। जीडीए के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह (GDA Vice President Prem Ranjan Singh) और एचयूआरएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुबोध दीक्षित (HURL Senior General Manager Subodh Dixit) की मौजूदगी में मंगलवार को दोनों विभागों के बीच मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है। एचयूआरएल जिले के 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 17 में पीकू वार्ड विकसित करेगा। इन केन्द्रों पर चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगीं। इस पर भी करीब 25 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। एक साल तक पीकू वार्ड में चिकित्सक से लेकर पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था एचयूआरएल की तरफ से ही होगी। एक साल बाद पूरा सिस्टम स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर होगा।

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