Gorakhpur News: बाढ़ के पानी से घिरे ग्रामीणों ने भाजपा सांसद को घेरा, बोले- पानी कम हुआ तब आए हैं

भाजपा सांसद कमलेश पासवान को चौरीचौरी क्षेत्र के राजधानी गांव के लोगों ने सोमवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-09-06 12:28 GMT

बाढ़ पीड़ितों के बीच घिरे भाजपा सांसद कमलेश पासवान (फोटो-न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: चंद घंटों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपने संसदीय क्षेत्र बांसगांव में बाढ़ राहत सामग्री बांटते दिख रहे भाजपा सांसद कमलेश पासवान को चौरीचौरी क्षेत्र के राजधानी गांव के लोगों ने सोमवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने कहा, इतने दिनों से हम लोग दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। एक नाव तक नहीं है। अब जब पानी कम हो रहा है तो क्या करने आए हैं? ग्रामीणों को पहले तो सांसद ने समझाने की कोशिश की लेकिन स्थिति बिगड़ता देख वहां से हटना ही मुनासिब समझा। ग्रामीणों के विरोध के बीच घिरे कमलेश का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

गोरखपुर जिले में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। बांसगांव के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान सोमवार को संसदीय क्षेत्र के चौरीचौरा इलाके के राजधानी गांव में बाढ़ से पीड़ित जनता का हाल जानने पहुंचे थे। यहां सिलहटा बांध टूटने से यहां दर्जन भर गांवों के 30 हजार लोग बाढ़ से घिरे हैं। कोई घर की छतों पर कोई अन्य जगहों पर शरण ले रखा है। जनता को जहां भोजन पानी की किल्लत हो रही वहीं, मवेशियों को चारा और बच्चों को दूध तक नसीब नहीं हो रहा।

सांसद पहुंचे तो ग्रामीणों ने गुस्से का इजहार किया। उनका कहना था कि अब जब बाढ़ कम होने लगी तो सांसद क्या करने आए हैं। राजधानी गांव के ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ के दौरान सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में यह पहला दौरा था। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 7 साल से सांसद कमलेश इससे पहले आखिरी बार क्षेत्र में कब दिखे थे, उन्हें याद नहीं है। कोरोना के बाद अब बाढ़ का कहर झेल रहे, बावजूद इसके कोई हमारी मदद को आगे नहीं आया।

वारयल हो रहा वीडियो

ऐसे में बीजेपी सांसद के लिए ग्रामीणों का विरोध बताता है कि प्रशासन की तरफ से पर्याप्त मात्रा में राशन और राहत सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है और न ही उन्हें कोई मदद मिल रही। यही वजह है कि सांसद कमलेश पासवान को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में बंधे पर शरण लेने वाले ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ गया। वहीं, ग्रामीणों द्वारा विरोध का यह वीडियो कई ग्रुपों में तेजी से वायरल हो रहा है। जहां कमलेश गए थे, वहां अधिकांश लोग भाजपा के समर्थक ही हैं।

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