Gorakhpur News: बीजेपी विधायक संगीता यादव लापता! जगह-जगह लगे पोस्टर

Gorakhpur News: चौरीचौरा क्षेत्र में विधायक के गायब होने के पोस्टर से उनके आऊट होने की अटकलों को मजबूती मिली है।

Written By :  Purnima Srivastava
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-09-14 06:40 GMT

संगीता यादव का पोस्टर pic(social media)

Gorakhpur News: यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर अब सक्रियता बढ़ गई है। विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान विधायक से लेकर नये दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। ऐतिहासिक रूप से अहम चौरीचौरा में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। विधायक संगीता यादव को विपक्ष का विरोध तो झेलना ही पड़ रहा है, अपनों की सक्रियता भी उनपर भारी पड़ रही है। इधर, संगीता यादव को महिला मोर्चा का राष्ट्रीय मंत्री बनाकर दिल्ली में सक्रिय किये जाने की खबरों ने भी विरोधियों को सक्रियता बढ़ाने का अवसर दिया है। वहीं चौरीचौरा क्षेत्र में विधायक के गायब होने के पोस्टर से उनके आऊट होने की अटकलों को मजबूती मिली है।

विधायक संगीता यादव (File Photo)pic(social media)

बीते विधानसभा में संगीता यादव को चौरीचौरा से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया तो क्षेत्र में जमकर विरोध हुआ था। लेकिन वह भाजपा की लहर में जीत हासिल करने में सफल हुई थीं। चुनाव जीतने के बाद उनकी सक्रियता को लेकर क्षेत्र में सवाल उठता रहा है। पिछले दिनों वह अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत सामग्री बांटने पहुंची थी तो मुर्दाबाद के नारे लगे थे। तबसे वह अकेले क्षेत्र में नहीं दिख रही हैं। अब उनके लापता होने का पोस्टर क्षेत्र में चस्पा होने से वह फिर सुर्खियों में हैं। संगीता यादव की सक्रियता नहीं होने से कई नये दावेदार दिख रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी अजय कुमार सिंह टप्पू और आनंद शाही सर्वाधिक सक्रिय हैं। चर्चा है कि बाढ़ राहत को लेकर अधिकारी इन्हीं दोनों नेताओं की सुन रहे हैं।

चौरीचौरा में विधायक संगीता यादव के लापता होने का लगा पोस्टर pic(social media)

कौन हैं संगीता यादव

संगीता यादव प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोड़कर राजनीत में आई हैं। 10वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद से ही समाजसेवा शुरू कर दी। सबसे पहले झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाया। इसी बीच इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की और उच्च शिक्षा पूरी करने लगीं। 2009 और 2010 में आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा पास की। मुख्य परीक्षा भी दी। एचआईवी पीड़ित बच्चों की सेवा में लगी रहीं। संगीता के इस काम में पति व इनकम टैक्स के ज्वाइंट कमिश्नर अजय कुमार, पिता राम प्रसाद यादव और मां उर्मिला देवी ने मदद की। इससे हौसला बढ़ा और वह 2013 में भाजपा में शामिल हो गईं। 2014 से सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरूआत की और 2017 का विधानसभा चुनाव जीतकर 35 साल की उम्र में ही विधायक बन गईं।

आखिर क्यों फूट रहा है ग्रामीणों का भाजपा सांसद और विधायकों पर गुस्सा

योगी सरकार भले ही बाढ़ पीड़ितों के मदद को लेकर तमाम दावे करे लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों के ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है। 6 सितम्बर को चौरीचौरी क्षेत्र में ही गोरखपुर के बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया था। उसके बाद सहजनवा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक शीतल पांडेय को खदेड़े जाने का वीडियो सामने आया। जहां ग्रामीण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं, लेकिन विधायक के विरोध में मुर्दाबाद का नारा लगा रहे हैं।

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