Gorakhpur News Today: ढाई घंटे रूकी रहीं गोरखपुर की दुर्गा प्रतिमाएं, ये शर्त पूरी हुई तो हुआ विसर्जन

Gorakhpur News Today: गोरखपुर में शुक्रवार (15 अक्टूबर) को करीब ढाई घंटे तक मां दुर्गा की सैकड़ों प्रतिमाओं का विजर्सन रोक दिया गया।

Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-16 08:27 IST

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन (डिजाइन फोटो- न्यूज ट्रैक)

Gorakhpur News Today: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन (Durga pratima visarjan) में हुए विवाद को देखते हुए शुक्रवार की देर रात जिला प्रशासन (Zila Prashasan) का हाथ-पांव फूल गया। करीब ढाई घंटे तक मां दुर्गा की सैकड़ों प्रतिमाओं का विजर्सन रोक दिया गया। विवाद बढ़ता देख जिलाधिकारी विजय किरन आनंद (DM Vijay Kiran Anand) मौके पर पहुंचे। दुर्गा समितियों को समझा कर विजर्सन को राजी किया गया। प्रशासन प्रतिमाओं को कृत्रिम पोखरे में विजर्सित करने का दबाव बना रहा था, वहीं शहर की सबसे प्रतिष्ठित दुर्गावाड़ी समिति (Durgawadi samiti)  को लेकर सीधे राप्ती नहीं में प्रतिमा विजर्सन को लेकर अड़े हुए थे। अंत में दुर्गावाड़ी की प्रतिमा का राप्ती नदी (Rapti Nadi) में विसर्जन हुआ।

गोरखपुर की परम्परा है कि दुर्गावाड़ी की प्रतिमा को श्रद्धालु कंधे पर लेकर जाते हैं। सबसे आगे दुर्गावाड़ी की प्रतिमा होती है, इसके पीछे शहर की प्रतिमाएं आती हैं। शुक्रवार को मां दुर्गा की प्रतिमा जैसे ही बसंतपुर स्थित राघव शक्ति मिलन चौक पर पहुंची, प्रशासन के लोगों ने कृत्रिम पोखरे में विजर्सन की बात बताई। परम्परा के विपरीत निर्देश के बाद समिति के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। समिति के लोगों ने विजर्सन से मना कर दिया। देखते ही देखते अन्य समिति के लोग और रामलीला समिति वर्डघाट के पदाधिकारी भी दुर्गावाड़ी के समर्थन में आ गए।

रामलीला समिति के अध्यक्ष पंकज गोयल ने बताया कि जब सब कुछ परम्परा के अनुसार हो रहा है तो कृत्रिम पोखरे में विजर्सन का दबाव ठीक नहीं है। कृत्रिम पोखरे में विसर्जन से इंकार कर नदी में प्रतिमा का विसर्जन करने की जिद पर अड़े लोगों ने राघव शक्ति मिलन के दौरान रात करीब 10.15 बजे से 12.40 तक प्रतिमा रोके रखा।

मूर्ति विसर्जन (फोटो- न्यूज ट्रैक)

मामला बढ़ता देख पहुंचे जिलाधिकारी

मामला बढ़ता देख जिलाधिकारी विजय किरन आनंद भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने समिति के लोगों को सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कृत्रिम पोखरे में विजर्सन का अनुरोध किया। लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं है। देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने राप्ती नदी में विजर्सन की अलिखित सहमति दी। जिसके बाद प्रतिमाओं का विजर्सन शुरू हुआ।

नगर निगम ने बनाया है कृत्रिम पोखरा

मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम गोरखपुर ने राप्ती नदी, महेसरा, डोमिनगढ़ आदि स्थानों पर कृत्रिम पोखरे का निर्माण कराया है। इन्हीं पोखरे में प्रतिमाओं के विजर्सन का दबाव रहता है। बड़ी समितियां इन पोखरों में विसर्जन के बजाए सीधे राप्ती नदी में प्रतिमाओं का विजर्सन करती हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग भी आंख बंद करने में भलाई समझते हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि कृत्रिम पोखरे में 400 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया है। 

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