Gorakhpur News Today: जिस चावल से बने खीर को खाकर भगवान बुद्ध ने तोड़ा था उपवास, वह पीएम-राष्ट्रपति को उपहार में मिलेगा
Gorakhpur News Today: सिद्धार्थनगर की पहचान काला नमक चावल जिसे भगवान बुद्ध का महाप्रसाद भी कहा जाता है उसे पीएम मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति और बौद्ध अतिथियों को उपहार के रूप में देंगे।
Gorakhpur News Today: सिद्धार्थनगर की पहचान काला नमक चावल (Kala Namak Chawal) की अब ग्लोबल ब्रांडिंग होगी। 20 को कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लोकार्पण के बाद इसे दुनिया में पहुंचाया जाएगा। काला नमक सरकार की ओडीओपी योजना (ODOP Scheme) में शामिल है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध (Bhagwan Buddha) ने काला नमक से बने चावल के खीर से ही अपना उपवास तोड़ा था। तभी से इसे भगवान बुद्ध का महाप्रसाद (Bhagwan Buddha Ka Mahaprasad) भी कहा जाता है। इस चावल को गिफ्ट हैंपर के रूप में पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) समेत बौद्ध अतिथियों को दिया जाएगा।
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में 20 अक्टूबर (Kushinagar International Airport opening date) को तथागत बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पर आ रहे बौद्ध अतिथियों को 'बुद्ध का महाप्रसाद' उपहार स्वरूप दिया जाएगा। भगवान बुद्ध के जन्मस्थल क्षेत्र से जुड़े सिद्धार्थनगर जिले के विशिष्ट उत्पाद, स्वाद, सुगंध और पोषण के मामले में बेजोड़ काला नमक चावल को बुद्ध ने प्रसाद रूप में ग्रहण कर अपने शिष्यों को भी इससे तृप्त किया था। विलुप्त से हो रहे काला नमक धान के इस प्रजाति के संरक्षण और संवर्धन के लिए योगी सरकार ने इसे महत्वाकांक्षी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल कर इसको वैश्विक पहचान दिलाई है। देश-विदेश से आ रहे प्रमुख बौद्ध अनुयायियों और अन्य मेहमानों को गिफ्ट कर इसकी ग्लोबल ब्रांडिंग और मजबूत की जाएगी।
काला नमक चावल का गौतम बुद्ध से ऐतिहासिक जुड़ाव
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामचेत चौधरी के मुताबिक काला नमक धान सिद्धार्थनगर के बजहा गांव में गौतम बुद्ध के कालखण्ड में पैदा होता आ रहा। मान्यता है कि महात्मा बुद्ध ने हिरण्यवती नदी के तट पर इसी चावल की खीर ग्रहण कर उपवास तोड़ा था। खीर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिया। भगवान बुद्ध ने काला नमक धान का दाना किसानों को देकर इसकी खेती करने की सलाह दी।
काला नमक चावल का जिक्र चीनी यात्री फाह्यान के यात्रा वृतांत में भी मिलता है। यह चावल सुगंध, स्वाद और सेहत से भरपूर है। सिद्धार्थनगर का बर्डपुर ब्लॉक इसका गढ़ है। एक समय तक इसकी खेती का रकबा 10 हजार हेक्टेयर से भी कम रह गया था । लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों से यह बढ़कर 50 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया है। 'बुद्धा राइस' की पैकिंग पर महात्मा बुद्ध की उक्ति, 'इस चावल की विशिष्ट महक हमेशा लोगों को मेरी (महात्मा बुद्ध की) याद दिलाएगी' भी अंकित की गई है।
सरकार का साथ पाकर काला नमक चावल के संवर्धन को लेकर सक्रिय संस्था पीआरडीएफ के वैज्ञानिक डॉ. रामचेत चौधरी कहते हैं कि इससे अकेले सिद्धार्थनगर ही नहीं बल्कि काला नमक धान के लिए भौगौलिक सम्पदा (जीआई) घोषित समान जलवायु वाले जनपदों गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और श्रावस्ती के कालानमक की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध कराने का मंच भी बनेगा।
20 उतरेगा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे का जहाज
बुद्ध का महाप्रसाद पूर्णिमा की तिथि में गिफ्ट किया जाएगा। पूर्णिमा की तिथि सनातन और बौद्ध मतावलंबियों के लिए धार्मिक और आध्यत्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। बौद्ध अनुयायी इस दिन विशेष पूजन में लीन रहते हैं। आश्विन पूर्णिमा की पावन तिथि (20 अक्टूबर) को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करेंगे। इसी दिन पहली इंटरनेशनल फ्लाइट के रूप में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के विमान की लैंडिंग एवं टेकऑफ होगी। उनके साथ 25 सदस्यीय प्रतिनधिमण्डल व 100 बौद्ध भिक्षु भी होंगे। कई बौद्ध देशों के राजदूत भी एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।
यह समारोह 'महात्मा बुद्ध का प्रसाद' के रूप में प्रतिष्ठित एक जिला एक उत्पाद 'काला नमक चावल' की ब्रांडिंग का भी बड़ा अवसर होगा। इस कार्यक्रम में शामिल सभी बौद्ध अतिथियों को महात्मा बुद्ध के आशीर्वाद के रूप में 'काला नमक चावल' का गिफ्ट हैम्पर दिया जाएगा।
सिद्धार्थनगर में बन रही 12 करोड़ से सीएफसी
कालानमक धान की उपज को बढ़ाने, उसके प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे सिद्धार्थनगर का ओडीओपी घोषित कर रखा है। सरकार 12 करोड़ रुपये की लागत से सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर ) भी बना रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने काला नमक धान को सिद्धार्थनगर के साथ ही बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर का एक जिला एक उत्पाद घोषित किया है।
'बुद्ध का महाप्रसाद' प्रमुख बौद्ध देशों दक्षिण कोरिया, चीन, जापान, म्यांमार, कंबोडिया, मंगोलिया, वियतनाम, थाईलैंड, श्रीलंका, भूटान तक पहुंचाने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल भी लगे हुए हैं। उनकी कोशिशों से काला नमक धान आनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध है। फिलहाल काला नमक चावल सिद्धार्थनगर और गोरखपुर जिले से क्रमश: सिंगापुर और नेपाल एक्सपोर्ट किया जा रहा है। काला नमक धान की ब्रांडिंग के लिए सिद्धार्थनगर में काला नमक महोत्सव भी सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोजित किया गया था। योगी सरकार की कोशिश अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केन्द्र वाराणसी के सहयोग से सिद्धार्थनगर में अनुसंधान केन्द्र खोलने की है।