Gorakhpur News: धान खरीद पर चढ़ा चुनावी रंग, सप्ताह में तीन दिन सिर्फ छोटे काश्तकारों से होगी खरीद

गोरखपुर में कमिश्नर रवि कुमार एनजी के पहल पर आरएफसी प्रेम रंजन सिंह ने धान खरीद के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-09-17 17:26 GMT

धान खरीद केंद्र की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में विधानसभा चुनाव के चंद महीने पहले शुरू हो रही धान खरीद (Dhan Kharid) में छोटे किसानों को खुश करने की कोशिशें परवान चढ़ने लगी हैं। बड़े किसान और बिचौलिये जैसे भी खरीद करें लेकिन छोटे किसानों के लिए प्रशासन सहूलियतों की बारिश करने जा रहा है। पहली नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीद में छोटे किसानों को दूर करने का विशेष प्रयास किया जा रहा है।

गोरखपुर में कमिश्नर रवि कुमार एनजी के पहल पर आरएफसी प्रेम रंजन सिंह ने धान खरीद के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की है। क्रय केंद्र पर आने वाले हर लघु एवं सीमांत किसानों से धान की खरीद अनिवार्य रूप से की जाएगी। सप्ताह में तीन दिन उनके लिए आरक्षित होंगे जबकि शेष तीन दिनों में कोई भी किसान अपनी उपज बेच सकेगा। जिन तीन दिनों में छोटे किसानों से खरीद की जाएगी, उस दौरान कांटे को इस तरह से फिक्स किया जाएगा।

संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि छोटे किसानों से खरीद हर हाल में की जाएगी। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। आरएफसी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिसमें चार कंप्यूटर आपरेटर तैनात किए जाएंगे। उन्हें स्मार्ट फोन दिया जाएगा और उनके मोबाइल नंबर मंडल के सभी क्रय केंद्रों पर चस्पा होंगे। केंद्र पर आने वाले किसान से यदि धान खरीदने में आनाकानी की जाती है तो वे उसकी शिकायत उन नंबरों पर कर सकते हैं। सुबह 10 से शाम छह बजे तक ये कर्मचारी कार्यालय में बैठेंगे। कार्यालय से बाहर रहने पर भी फोन उठाएंगे।

धान खरीद केंद्र 

किसानों की शिकायत पर होगा एक्शन

सभी कार्मिक के पास एक-एक रजिस्टर होगा। जिसपर सभी शिकायतों का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन आरएफसी को दी जाएगी। जहां से शिकायत आएगी। वहां का निरीक्षण किया जाएगा। आरएफसी प्रतिदिन करीब 10 से 15 केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। उनके अतिरिक्त आरएमओ एवं जिलों के डिप्टी आरएमओ भी जांच करेंगे। किसी भी छोटे किसान से धान खरीदने में आनाकानी हुई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

15 अक्टूबर से शुरू हो सकते हैं ये कॉल सेंटर

यह काल सेंटर 15 अक्टूबर के बाद शुरू हो सकते हैं। किसानों की समस्या सुनने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आरएफसी कार्यालय में कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। यहां किसान अपनी समस्या लेकर आ सकते हैं और आरएफसी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिल सकते हैं। रोज सुबह 10 से शाम छह बजे तक समस्या सुनी जाएगी। मंडल स्तर पर मंडलायुक्त की निगरानी में एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा।

कोटेदारों के खाते में भेजा जाएगा 37 करोड़

चुनाव में कोटेदारों की भूमिका को देखते हुए उन्हें भी खुश करने की पूरी कोशिश है। गोरखपुर मंडल के कोटेदारों का वर्ष 2001 से बकाया लाभांश एवं परिवहन के मद में बकाया भुगतान भी जल्द होगा। इसके लिए 10 दिन के भीतर चारों जिलों में बैठक होगी। जिसमें आरएफसी, आरएमओ, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, सभी विपणन निरीक्षक एवं पूर्ति निरीक्षक मौजूद रहेंगे। दोनों विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में भुगतान की समीक्षा की जाएगी और समस्या का निराकरण कराते हुए भुगतान किया जाएगा। अभी तक करीब कोटेदारों को 37 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।

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