Jaunpur News: अवैध पटाखों का कारोबार जारी, हादसे के बाद भी चल रहा बिना लाइसेंस धन्धा

Jaunpur News: अधिकारियों की चुप्पी के चलते अवैध पटाखों का कारोबार फलफूल रहा

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-11-01 18:09 IST

पटाखा की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Jaunpur News: जनपद के तहसील मड़ियाहूं (Tehsil Madiyahun) मुख्यालय पर स्थित मुहल्ला भंडरिया टोला (Bhandaria Tola) के घनी बस्ती में विगत 30 अक्टूबर को पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट (pataka factory blast) एवं एक किशोर की मौत के साथ छह घायलों सहित मकान ध्वस्त (makaan dhwast) होने की घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर किसकी शह पर जनपद में बगैर लाईसेंस के ही पटाखा बनाने का कारोबार (pataka banane ka awaidh karobar) फल फूल रहा है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी इस बाबत चुप्पी भले ही साधे बैठे हुए हैं। लेकिन चर्चा है कि पटाखा बनाने का अवैध कारोबार (pataka banane ka awaidh karobar) बगैर पुलिस की सहमति से संभव नहीं है। हालांकि सुप्रिम कोर्ट ने बीते दिवस ग्रीन पटाखा बेचने की अनुमति दी तो जरूर है लेकिन उसका अनुपालन इस जनपद में नहीं हो रहा है।

यहां सरकारी आंकड़े के अनुसार जनपद में 159 पटाखा बेचने के स्थाई लाईसेंस है। जिसमे मड़ियाहूं में महज 14 लाईसेंस पटाखा बेचने के लिए दिये गये है। यहां एक बात और भी स्पष्ट करना है कि पूरे जनपद में एक भी लाईसेंस पटाखा बनाने के लिए किसी को नहीं दिया गया है। हां पटाखा बेचने के लिए लाईसेंस जरूर जारी है वह भी सरकारी अभिलेख में घनी बस्तियों से दूर दिखाया गया है। जबकि सच कुछ और ही है।

सूत्रों की मानें तो जनपद मुख्यालय से लेकर तहसील स्तर पर मुख्यालयों पर घनी बस्तियों में पटाखा बनाने का कारोबार फल फूल रहा है। मड़ियाहूं तहसील पर हुई ब्लास्ट की घटना से सरकारी स्तर पर कुछ सक्रियता आयी है इसके बाद भी पुलिस जनों की शह पर पटाखे बनाने का कारोबार (pataka banane ka awaidh karobar) चलने की खबर है। खबर तो यह भी है कि जनपद मुख्यालय के कुछ घनी बस्तियों में घटना के बाद भी रात को यह कारोबार चलाया जा रहा है। पुलिस को खबर है लेकिन वह बेखबर बनी हुई है।


दीपावली के अवसर पर तीन दिवस के अस्थाई लाइसेंस जारी किये जा रहे हैं, वह भी खुले मैदान में बेचने का है इसका फायदा पटाखा व्यसायी उठाते हुए बस्तियों के आसपास भी बेचना शुरू कर दिये हैं। कटघरा के एक पटाखा व्यवसायी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जब पुलिस को महिना दिया जा रहा है तो उसे आना भी चाहिए। इसके एवज में जहां सुविधा होती है, बेचा जा रहा है।

खबर यह भी है कि मड़ियाहूं (Tehsil Madiyahun) की घटना के बाद जिलाधिकारी ने अपने अधीनस्थ जनों को निर्देश निर्गत किया है कि सभी तहसील और मुख्यालय पर पटाखा के कारोबारियों की सूची तैयार कर रिपोर्ट दी जाये कि कहां पर पटाखा बेचा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद उन सभी पटाखा लाइसेंसो को नोटिस दे कर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाये। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि प्रशासन की यह प्रक्रिया दीपवली के बाद शुरू होगी और घनी बस्ती वाले एवं मृतकों के सभी लाईसेंस निरस्त कर दिये जाएंगे।

यहां बता दे कि बीते दिवस सुप्रिम कोर्ट ने केवल ग्रीन पटाखा बेचने की अनुमति तो दिया है लेकिन इस जनपद में सुप्रिम कोर्ट के आदेश पालन नहीं हो रहा है। जनपद मुख्यालय पर दो जगह पर सजी पटाखो की दुकानो पर ग्रीन पटाखा नजर नहीं आ रहे है। बिक्री की तो दूर की बात है। इलाके की पुलिस चुप्पी साधे हुए है।

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