Jaunpur News: नोडल अधिकारी के निरीक्षण पर उठे सवाल, कमियां मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं

प्रदेश शासन से नामित जौनपुर के नोडल अधिकारी सचिव चिकित्सा द्वारा किये गए निरीक्षण पर सवाल उठाए गए हैं जिसमें कहा गया है कि कमियां मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-07 16:33 GMT

जौनपुर: निरीक्षण करते नोडल अधिकारी

Jaunpur News: प्रदेश शासन से नामित जौनपुर के नोडल अधिकारी सचिव चिकित्सा शिक्षा जी. एस. प्रियदर्शी यहां जनपद में तीन दिवसीय भ्रमण पर जनपद में हो रहे विकास कार्यो और कानून व्यवस्था तथा कार्यो की गुणवत्ता आदि व्यवस्थाओं का सच जानने आये। लगभग हर जगह बड़ी खामियां और खराब व्यवस्थायें मिलने के बाद भी नोडल अधिकारी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय आल इज वेल करके कागजी बाजीगरी का खेल कर फीलगुड करते लखनऊ निकल गये है।

यहां बता दें कि दौरे के प्रथम दिन 04 सितम्बर को नोडल अधिकारी पहले जिला अस्पताल महिला और पुरुष का औचक निरीक्षण किया यहां पर समस्याओ का अम्बार और भ्रष्टाचार दिखा लेकिन निरीक्षण केवल वाद विवाद तक सीमित रहा कोई एक्शन नहीं लिया गया अन्त में सीएमएस को हिदायत दिया गया। यहां पर महिला अस्पताल में बैठने की व्यवस्था नहीं मिली तो चिकित्सक द्वारा फीस वसूली की शिकायत मिली।


पुरुष अस्पताल की हालत जर्जर

पुरुष अस्पताल में जर्जर भवन के साथ योग सेंटर में शौचालय बेहद गंदे मिले, डेंगू वार्ड में मरीजो को बैठने की व्यवस्था नहीं मिली, ओपीडी में चिकित्सक नहीं मिले मरीज बिलबिलाते नजर आये, अस्पताल की लिफ्ट बन्द मिली तो पहले सीएमएस को फटकार लगाई फिर चन्द समय के अन्दर आल इज वेल हो गया इसका कारण जो भी रहा लेकिन इस निरीक्षण का असर अस्पताल के लापरवाह जनों पर नही नजर आया।


इसी क्रम में दौरे के अन्तिम दिन नोडल अधिकारी जी एस प्रियदर्शी जिले की टीम लेकर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंच गये वहां पर निर्माण में बेहद घटिया सामग्री और खराब गुणवत्ता के साथ काम होता पाया गया यहां पर शिक्षण हाल में घटिया किस्म की ईंट का प्रयोग मिला जब ईंट की गुणवत्ता जांचने के लिए लैब गये तो वहां मशीन खराब मिली जिम्मेदार बिजली की समस्या बता कर टाल दिये। इसके बाद एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग का निरीक्षण किया वहां भी बिजली के सामानो की गुणवत्ता खराब मिली, प्राचार्य कक्ष देखा वहां पर भी स्लाइडिंग कार्य संतोषजनक नहीं मिला इसके अलावां सरिया, बालू सीमेंट, टाइल्स आदि की खराब गुणवत्ता पर भड़के जरूर लेकिन बाद में यहां भी आल इज वेल हो गया और कहा जल्द कार्य पूर्ण कराया जाए।

निरीक्षण केवल कागजी बाजीगरी तक सीमित रहा

इतना ही नहीं विकास के अन्य कार्यो की समीक्षा की तो कागजी बाजीगरी का खेल पकड़ा जरूर लेकिन कार्रवाई करने से परहेज किया। इस तरह यदि कहा जाये कि नोडल अधिकारी का निरीक्षण केवल कागजी बाजीगरी तक सीमित रहा तो अतिश्योक्ति नहीं होगा। हां सरकारी विभाग के अन्दर खाने में चर्चा है कि नोडल अधिकारी तीन दिन जौनपुर रह कर फीलगुड कर निकल गये काम की बात तो केवल फर्ज अदायगी तक ही सीमित रहा है।

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