आज PM मोदी करेंगे कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन, जानें क्या देश में एविएशन सेक्टर की वर्तमान हालत और भविष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बौद्ध तीर्थ स्थलों को दुनियाभर में जोड़ने की कोशिश के लिए 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्माण होने वाले कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे।
Lucknow: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज यानी बुधवार 20 अक्टूबर को बौद्ध तीर्थ स्थलों को दुनियाभर में जोड़ने की कोशिश के लिए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Kushinagar international airport) का उद्घाटन करेंगे। 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Kushinagar international airport) का निर्माण किया गया है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थ यात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा उपलब्ध कराएगा।
इसे दुनिया भर के अन्य बौद्ध तीर्थस्थलों से जोड़ने का भी प्रयास माना जा रहा है। कुशीनगर हवाई अड्डा (Kushinagar international airport) उत्तर प्रदेश और बिहार के नजदीकी जिलों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इसी बहाने आज बात देश के भीतर और बाहर सिविल एविएशन सेक्टर के वर्तमान स्थिति और उसके आने वाले दिनों की रणनीति की। साथ ही, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को मिलने वाले एक के बाद एक एयरपोर्ट की सुविधा तथा चौतरफा विकास की।
आबादी-क्षेत्रफल के लिहाज से देश में कम एयरपोर्ट
दरअसल, भारत जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है तो क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। लेकिन जब देश के हवाई अड्डों की बात करें तो भारत अन्य देशों की तुलना में बहुत पीछे है। जबकि किसी देश के विकास में परिवहन का विकास काफी मायने रखता है। यदि परिवहन विकसित होगा तो देश के विकास की अड़चनें काफी दूर होंगी। इसीलिए देश में हवाई परिवहन को बढ़ावा देने के मकसद से मौजूदा केंद्र सरकार ने अपने दोनों ही कार्यकाल में इस क्षेत्र में व्यापक काम किया है। आज कुशीनगर एयरपोर्ट (Kushinagar international airport) को उसी की एक बानगी के रूप में देखा जाना चाहिए।
2025 तक 1,000 नए 'एयर रूट' का लक्ष्य
हाल ही में, सरकार में नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह से पूछा गया था कि इस समय देश में कुल कितने एयरपोर्ट्स हैं और हर एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की कितनी हिस्सेदारी है। इसके जवाब में उन्होंने बताया कि इस समय एएआई देश भर में 136 एयरपोर्ट्स को ऑपरेट कर रही है। जबकि भारत में हवाई परिवहन के भविष्य को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश में वर्ष 2025 तक 1,000 नए 'एयर रूट' और 100 नए हवाईअड्डे तैयार किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि देश में 70 साल में जहां मात्र 75 हवाईअड्डे बने थे, वहीं पिछले सात साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में 61 नए हवाई अड्डे बने हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे शहरों में भी हवाई यातायात सेवाएं मुहैया कराना है, ताकि आम व्यक्ति भी विमानों में सफर कर सकें।
'उड़ान' योजना
वैसे, आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 486 एयरपोर्ट हैं। इनमें से चालू हालत में भी कई नहीं हैं। जबकि, कईयों का इस्तेमाल सेना करती है। मौजूदा केंद्र सरकार ने 'उड़ान' योजना के तहत छोटे शहरों को वायु सेवा से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इस योजना के तहत बंद पड़ी हवाई पट्टियों और सेना के एयरबेस का इस्तेमाल नागरिक उड़ानों के लिए किया जाना है। अगर, इसी को आप कुशीनगर, अयोध्या और बरेली में हाल के समय में इस क्षेत्र में हुए काम से जोड़कर देखेंगे तो चीजें स्पष्ट नजर आएंगी।
दुनिया के अन्य देशों में एयरपोर्ट
लेकिन आम आदमी के लिए यह हिसाब लगाना मुश्किल है कि आखिर देश में वर्तमान में जितने भी एयरपोर्ट (चालू या बंद) हैं, क्या वो पर्याप्त हैं? इसका जवाब आपको इन आंकड़ों से मिल जायेगा। दुनिया में सबसे ज्यादा एयरपोर्ट अमेरिका में है, जिसकी संख्या 13,513 के करीब है। जबकि दूसरे स्थान पर ब्राजील है, जहां चार हजार से ऊपर हवाई अड्डे हैं। तीसरे स्थान पर भारत की तुलना में काफी छोटा देश मैक्सिको है जहां 1,700 से ऊपर एयरपोर्ट हैं। अब आप खुद तुलनात्मक नजरिए से सोचिए कि हम कहां हैं ?
ताकि चप्पल वाला भी करे हवाई सफर
भारत के हर बड़े शहर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे मौजूद हैं। आज अगर किसी को विदेश जाना होता है तो सबसे पहले घरेलु विमान से बड़े शहर आता है फिर वहां से दुनिया के किसी देश के लिए उड़ान भरता है। वर्तमान में केंद्र सरकार यात्रियों के इसी 'फेरे' को घटाने की कोशिश कर रही है, जिससे देशवासियों का पैसा और समय दोनों बचे। पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के संबंधित मंत्रालय के मंत्री कई बार यह बोल चुके हैं कि उनका लक्ष्य चप्पल पहनने वाले को हवाई सफर करवाना है।
कोविड के घटते मामले, बढ़ती यात्राएं
कोरोना महामारी के दौरान हवाई यात्रा और उससे जुड़ी व्यवस्था काफी हद तब प्रभावित हुई है। लेकिन कोविड के लगातार घटने मामलों ने एक बार फिर इस सेक्टर के लिए उम्मीद की किरण जगायी है। कोविड- 19 महामारी की वजह से बीते दो सालों के भीतर हवाई सेवा पर विपरीत प्रभाव पड़ा। अब सवाल उठता है कि देश में प्रतिदिन कितनी उड़ानें भरी जाती हैं? तो नागरिक विमानन मंत्रालय की आधिकारिक साइट पर उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से जैसे- देश के भीतर घरेलु विमानों ने आगमन और प्रस्थान के कुल 4,807 उड़ानें भरी, जिनमें 623,540 यात्रियों ने सफर किया। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के आगमन और प्रस्थान के कुल 499 उड़ानें भरी, जिनमें 68,402 यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचे। हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। ये आंकड़े इसी को दिखाते हैं।
यूपी पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा
देश में इस वक्त कुल 34 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। सबसे अधिक चार-चार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तमिलनाडु और केरल में हैं। जबकि, उत्तर भारत के किसी भी राज्य में दो से अधिक एयरपोर्ट नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में सिर्फ वाराणसी और लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा है। मात्र तीन वर्ष में गोरखपुर, हिंडन, आगरा, प्रयागराज और बरेली सहित पांच अन्य एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं। यही नहीं, देश के सबसे बड़े सूबे में मात्र दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अब तक थे। लेकिन कुशीनगर एयरपोर्ट (Kushinagar international airport) के उद्घाटन और आने वाले समय में अयोध्या एयरपोर्ट के साथ बहुत जल्द यहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे। जबकि 21 एयरपोर्ट और सात हवाई पट्टियों के क्रियाशील होने की प्रक्रिया चल रही है। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य बनने को तैयार है। सरकार वर्ष 2024 तक जेवर से भी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है।
यूपी में यहां से संचालित हो रहीं हवाई सेवाएं
नीति आयोग में पेश योजना के मुताबिक, लखनऊ, वाराणसी और अब कुशीनगर सहित अयोध्या और गौतमबुद्ध नगर से भी बहुत जल्द दुनिया के विभिन्न देशों के लिए सीधी हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, हिंडन और बरेली एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं।
कुशीनगर एयरपोर्ट से भी इंटरनेशनल फ्लाइट्स
कुशीनगर में हवाई सेवाएं देने को तैयार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूर्वांचल का दूसरा, यूपी का तीसरा और देश का 87वां लाइसेंसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। राज्य की योगी सरकार ने इसका निर्माण बेहद तेजी से कराया है। बीते 23 फरवरी को डीजीसीए ने इसे उड़ान का लाइसेंस भी जारी कर दिया था। अब बस जल्द ही यहां से उड़ान सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
नोएडा में भी बन रहा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
नोएडा के जेवर में भी ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में 40 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच रनवे होंगे। यहां पहले फेज का काम पूरा होने के साथ ही उड़ान सेवा शुरू कर दी जाएगी।
अयोध्या में प्रभु श्री राम के नाम पर एयरपोर्ट
वहीं, धर्मनगरी अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही अयोध्या में विकास की ढेरों परियोजनाएं शुरू की गई हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधाओं के मद्देनजर कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। यहां श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने पर तेजी से काम चल रहा है। हवाई अड्डे के लिए 555.66 एकड़ अतिरिक्त जमीन खरीदने के लिए सरकार की तरफ से 1,001 करोड़ 77 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। अब तक केन्द्र सरकार की ओर से इसके लिए 250 करोड़ और प्रदेश सरकार की ओर से 21 करोड़ 99 लाख 50 हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। 377 एकड़ के करीब जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को उपलब्ध कराई जा चुकी है। यहां 2022 से विमान सेवा शुरू करने की योजना है।
सस्ती हवाई यात्रा उपलब्ध करवाना है मकसद
नीति आयोग में पेश की गई योजनाओं के मुताबिक, यूपी के 10 अन्य जगहों पर भी एयरपोर्ट के विकास का काम तेजी से चल रहा है। साथ ही, हवाई अड्डों को बेहतर कनेक्टिविटी और जन सुविधा के लिहाज से प्रदेश में 17 एयरपोर्ट टर्मिनल्स को कम से कम दो लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार की योजना प्रदेश के हर क्षेत्र को हवाई सेवाओं से जोड़ते हुए आम लोगों को सस्ती, सुलभ और सुरक्षित हवाई सेवाएं उपलब्ध कराना है। गौरतलब है कि हवाई सेवाओं के लिहाज से देश में इस वक्त केरल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य आगे हैं। नए हवाई अड्डे तैयार होने और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या पांच होने के बाद यूपी देश में हवाई सेवाओं के मामले में भी सबसे आगे होगा।
इसके अलावा, देश की दिनोंदिन बढ़ती आबादी की वजह से आने वाले समय में परिवहन सेवाओं पर दबाव और बढ़ेगा। सबसे ज्यादा दबाव सड़क परिवहन सेवाओं पर देखने को मिलता है। केंद्र सरकार भविष्य को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। सड़कों पर चलने वाली बस पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए 'एयर बस' से यात्रा सुलभ और सस्ती करने पर जोर दिया जा रहा है। देश के विमानन कंपनियों में प्रतिस्पर्धा का लाभ भी आम लोगों को सस्ते टिकट के रूप में आए दिन देखने को मिलता है। इन बातों को देखते हुए एक बात तो तय है कि भारत जैसे बहुल आबादी वाले देश में एविशन सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल है।