Magh Mela 2022: माघ मेले का 5वां स्नान पर्व आज, माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी
Magh Mela 2022: आज के दिन का महत्व यह भी है कि आज के दिन भगवान विष्णु भी गंगा में अदृश्य रूप से स्नान करते हैं और जितने भी श्रद्धालु आज आस्था की डुबकी लगाते हैं, उनको वो आशीर्वाद देते हैं और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना भी पूर्ण होती है।
Magh Mela 2022: गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर माघी पूर्णिमा का स्नान पर्व है, एक महीने तक चलने वाले कल्पवास का आज समापन माघ पूर्णिमा स्नान पर्व से हो गया है। हालांकि कुछ श्रद्धालु परसो त्रिजटा स्नान पर्व तक कल्पवास करेंगे। माघ पूर्णिमा स्नान पर्व माघ मेले का पांचवा स्नान पर्व है और आज के दिन भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ कल्पवास भी माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ खत्म होता है इसीलिए स्नान पर्व को कल्पवासियों का स्नान पर्व भी कहा जाता है। आज के दिन का महत्व यह भी है कि आज के दिन भगवान विष्णु भी गंगा में अदृश्य रूप से स्नान करते हैं और जितने भी श्रद्धालु आज आस्था की डुबकी लगाते हैं, उनको वो आशीर्वाद देते हैं और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना भी पूर्ण होती है।
लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रधालुओं ने संगम के तट (Prayagraj Sangam Tat) पर मोक्ष की कामना से आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और अगले साल फिर से इस रेती पर आने का संकल्प भी ले रहे हैं। आज के माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही श्रद्धालुओं का एक महीने का कल्पवास का संकल्प भी पूरा हो गया। 47 दिनों तक माघ मेले में पड़ने वाले अब तक पांच प्रमुख स्नानों में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाईं है।
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की जो भी भक्त एक महीने गंगा यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में कल्पवास करता है, उसके कई जन्मों के पाप धुल जाते है और वो मोक्ष पाता है। साथ ही उसे कई अस्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही त्रिवेणी में स्नान करने से भक्तोंं को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुबह से ही श्राद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिला, श्रद्धालु स्नान के बाद दान भी दे रहे हैं।
क्या है श्रद्धालुओं का कहना?
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि अधिकारियों ने कड़ी मेहनत करके माघ मेले को अब तक सफल बनाया है। और आज भी सुरक्षा को लेकर के चाक चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं। स्नान घाट पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की भी सुविधा है बेहतर है।
उधर एसपी मेला राजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि आज के दिन हर श्रद्धालु पर पैनी नजर रखने के लिए जगह जगह पर पुलिस फोर्स तैनात है और सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरे के साथ साथ पैरामिलिट्री फोर्स की मदद से सुरक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त किया गया है।
महाशिवरात्रि को है आखिरी स्नान पर्व
आपको बता दें कि माघ मेले का आखिरी स्नान पर्व 1 मार्च को महाशिवरात्रि का है, जिसके बाद माघ मेले का समापन हो जाएगा। 47 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक मेले में छह स्नान पर्व होते हैं, इसी कड़ी में आज पांचवा स्नान पर्व माघी पूर्णिमा का है जो सकुशल संपन्न हो रहा है।
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