Mahashivratri 2022: मेले का अंतिम स्नान आज, प्रयागराज में महाशिवरात्रि की धूम, संगम पर फिर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

Mahashivratri 2022: भोले भंडारी के भक्त सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही शिवालयों में पहुंचकर जलाभिषेक कर बेल की पत्तियाँ और दूध अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं।

Report :  Syed Raza
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-03-01 15:57 IST

संगम की तस्वीर 

Mahashivratri 2022: भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि आज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर जहाँ शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी उमड़ी हुई है वहीं गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ा हुआ है।महाशिवरात्रि के पर्व के साथ ही संगम की रेती पर पिछले डेढ़ महीने से लगे माघ मेले का आज औपचारिक तौर पर समापन भी हो जाएगा।

भोले भंडारी के भक्त सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही शिवालयों में पहुंचकर जलाभिषेक कर बेल की पत्तियाँ और दूध अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं। इसके अलावा आज शहर में कई जगहों पर शिव बारात और भगवान शिव की शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी।

संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव मनकामेश्वर, सोमेश्वर, तक्ष्केश्वर और दशाश्वमेध रूपों में विद्यमान हैं।पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सृष्टि की रचना के लिए किये गए दशाश्वमेध यज्ञ से पहले ब्रह्मा जी ने खुद अपने ही हाथों भगवान शिव के प्रतीक को गंगा के तट पर स्थापित कर खुद उनकी पूजा की थी।

धर्म की जानकारी गुंजन वार्ष्णेय का कहना है कि यूं तो शिवरात्रि हर महीने आती है लेकिन महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है और इस दिन स्नान, दान और शिव मंदिरों में पूजा पाठ का बड़ा महत्व है ।मानव शरीर के अंदर दो तत्व मौजूद है पहला शिव और दूसरा शक्ति और आज के दिन दोनो को एकाकार किया जाता है।

यह भी कहा जाता है कि जिन लोगों को कोई कष्ट हो वह इस दिन शिव जी को चांदी के नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाएंगे तो उनके कष्ट भी दूर हो जाते हैं। कुंवारी युवतियां भी अगर आज के दिन विशेष पूजा-अर्चना और व्रत रखती है तो उनको मनचाहा वर मिलने की संभावना बढ़ जाती है ।आज के दिन संगम में स्नान करने के बाद जो भी श्रद्धालु शिव मंदिर में जाकर शिव जी के शिवलिंग पर विशेष पूजा-अर्चना करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही संगम तट पर लगे सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले का भी समापन हो गया है और आज भी भारी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं । सुरक्षा के भी चाक चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं और हर श्रद्धालुओं पर प्रशासन पैनी नज़र रखा हुआ है ।संगम तट पर आए श्रद्धालुओं का कहना है कि सभी लोगो के संकट जल्द से जल्द दूर हो इसीलिए वह आस्था की डुबकी लगा रहे हैं ताकि देश दुनिया में शांति बनी रहे।


संगम की रेती पर लगे माघ मेले के अंतिम स्नान महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ है, जो अभी भी लगातार जारी है, दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालु संगम तट पर बनाए गए अलग-अलग घाटों पर स्नान कर रहे हैं।

मेला प्रशासन ने महाशिवरात्रि स्नान पर्व को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इन्तेजाम किए हैं। घाटों पर सुरक्षा को देखते हुए जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। मेला क्षेत्र में सिविल पुलिस के साथ ही कमांडोज की भी तैनाती की गई है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।

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