Prayagraj: मौनी अमावस्या स्नान से पहले ही संगम तट पर उमड़ा जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था डुबकी
Prayagraj: माघ मेले का सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या के स्नान पर्व में शामिल होने के लिए करीब 1 करोड़ श्रद्धालु संगम क्षेत्र में स्नान के लिए आने की संभावना है।
Prayagraj News: माघ मेले (Magh Mela 2022) का सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) 1 फरवरी को है ऐसे में अभी से ही श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिल रहा है या कहें कि कोरोना (Coronavirus) पर आस्था भारी दिख रही है। बताया जा रहा है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के स्नान पर्व में शामिल होने के लिए करीब 1 करोड़ श्रद्धालु संगम क्षेत्र में स्नान के लिए आने की संभावना है और मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के 1 दिन पहले से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिल रहा है।
हालांकि इतनी भारी भीड़ को सही ढंग से नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।मेले में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इस के लिए पूरे मेला क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे -चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां तक की अब मेला क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस को भी बुला लिए गया है, ताकि किसी तरह की कोई दिक्कत न हों। मेले में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए है। मेले में आने वाली सभी गाड़ियों को पूरी सुरक्षा जांच के बाद मेले में आने दिया जा रहा है। शाम से बड़ी और छोटी सभी गाड़ियों के प्रवेश प्रतिबंधित होगा।
सुरक्षा के मद्दे नजर पूरे मेले को छावनी में किया तब्दील
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दौरान मेला क्षेत्र की सुरक्षा की कमान एटीएस (ATS), सीआरपीएफ (CRPF), आरएएफ (RAF), पीएसी (PAC) समेत अन्य प्रदेशों से आई पुलिस को सौंप दी गई है। मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चेकिंग बैरियर भी बनाए गए हैं। इस के अलावा में सुरक्षा के मद्दे नजर पूरे मेले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस बार की भीड़ को देख कर के ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन आस्था की डुबकी लगाएंगे। सुरक्षा को लेकर के पुलिस प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की है।
एसपी मेला राजीव नारायण मिश्रा (SP Mela Rajeev Narayan Mishra) के मुताबिक जगह-जगह पर फोर्स को तैनात किया गया है। 5000 से अधिक पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं साथ ही ड्रोन कैमरा की भी मदद ली जा रही है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन (follow covid protocol) कराने के लिए भी श्रद्धालुओं को प्रेरित किया जाएगा।
5 फरवरी को बसंत पंचमी का स्नान पर्व
माघ मेले (Magh Mela 2022) के सभी 6 स्नान पर्व में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) स्नान का सबसे अधिक महत्व रहता है। पंडित राजकुमार तिवारी बताते हैं कि इस दिन सभी देवी देवता संगम तट पर आते हैं और मौन रहकर संगम स्नान करते हैं।
इसी तरह श्रद्धालुओ को भी मौन धारण करके ही स्नान करना चाहिए। शुभ मुहूर्त आज दोपहर से शुरू हो गया है जो कल तक रहेगा। आज के दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। गौरतलब है कि 1 फरवरी को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) स्नान पर्व को लेकर के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पहुंच रहे हैं। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) स्नान पर्व के बाद 5 फरवरी को बसंत पंचमी का स्नान पर्व है ।
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