PM मोदी के नक़्शेकदम पर! क्या सवालों से बचते हैं CM योगी आदित्यनाथ?

Update:2017-06-28 13:03 IST
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लखनऊ: इन दिनों यह चर्चा सत्ता के गलियारों में है कि क्या सीएम योगी आदित्यनाथ सवालों का सामना नहीं करना चाहते। दरअसल, यह चर्चा एक बार फिर तब सामने आई जब अपनी सरकार के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस संबोधन कर दिया।

वैसे भी योगी आदित्यनाथ प्रेस के सवालों से गुरेज करते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री का अनुसरण कर रहे हैं या फिर वह सवालों से ही बचते हैं।

रिपोर्ट कार्ड का तामझाम और सवाल एक भी नहीं

दरअसल, योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर पूरी कैबिनेट प्रेस के सामने थी। बाकायादा प्रेस कांफ्रेंस का प्रोजेक्टर लगा था। कहा गया समय से पहले प्रेस कांफ्रेंस में पहुंच जाएं। सारे मंत्री आए, बैठ गए। फिर सीएम ने सबके सामने अपनी सरकार के 100 दिन के कामकाज का ब्यौरा दिया। इसके बाद यह उम्मीद जगनी स्वाभाविक है कि प्रदेश से जुड़े सवालों पर प्रदेश के मुखिया अपना पक्ष रखेंगे। एक आग्रहनुमा सवाल आया, मुख्यमंत्री ने डिप्लोमैटिकली करेक्ट जवाब दिया और फिर उठ गए। तुरंत, मायावती के राज की बात तैर गई कि 'योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मायावती की शैली में प्रेस संबोधन कर दिया।'

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प्रेस के सवालों से बचने की और भी नजीरें

योगी आदित्यनाथ के प्रेस के सीधे सवालों से बचने की कई और नजीरें भी हैं। बहुत दिन बाद प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों को प्रवक्ता बनाया गया है। नियमित संवाद तो होता है पर ज्यादातर बड़ी सूचनाएं भी प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभा रहे कैबिनेट मंत्री ही देते हैं। पहली कैबिनेट के बाद ही यह व्यवस्था कर दी गई थी। मायावती को छोड़कर ज्यादातर सीएम सरकार में रहते हुए जब अपने आधिकारिक आवास पर कोई कार्यक्रम करते हैं तो बाद में प्रेस के दो-तीन सवाल लेते रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने इस परिपाटी को धीरे-धीरे खत्म कर दिया। योगी आदित्यनाथ ने जब राष्ट्रपति का उम्मीदवार चुनने के लिए आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, तो भी प्रेस ब्रीफिंग आठ मिनट में खत्म हो गई और वह अपनी बात बोलकर निकल गए।

प्रधानमंत्री का अनुसरण

प्रधानमंत्री का हर मामले में अनुसरण कर रहे योगी आदित्यानाथ इस मामले में भी उनके अनुगामी बनते नजर आ रहे हैं। पिछले तीन साल में पीएम मोदी ने खुद कोई प्रेस नहीं बुलाई है। यह बात और है कि वह मन की बात, व्यक्तिगत इंटरव्यू और ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से जनता से सीधे जुड़े रहते हैं और सोशल मीडिया में उन्हें 'सुपरस्टार सेलिब्रिटी' का स्टेटस हासिल है। योगी आदित्यनाथ भी चैनलों के कार्यक्रम और व्यक्तिगत इंटरव्यू तो देते हैं पर शायद प्रेस वार्ता उन्हें उतनी नहीं भाती। फिलहाल, हालात तो यही इशारा कर रहे हैं।

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