Raebareli News: धान खरीद में दलालों के मनसूबों पर पानी फिरा, सरकार का फोकस किसानों पर

Raebareli News: रायबरेली ज़िले में आगामी एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। इस बार ज़िले भर में अलग संस्थाएं 102 केंद्रों पर धान की खरीद करेंगी।

Report :  Narendra Singh
Update:2024-10-21 15:47 IST

Raebareli News ( Pic- Newstrack)

Raebareli News: रायबरेली जिले में धान खरीद को लेकर सरकार ने अबकी बार मिलरों को मुख्यालय के स्तर से अटैचमेंट करने पर धान खरीद के दलालों के मनसूबों पर पानी फेर दिया है। धान खरीद को लेकर मिलरो को अब जीपीएस सिस्टम से भी जोड़ा गया है, जिससे बीच वालों से अब धान खरीद ना हो पाए इसके लिए फिल्टर लगा दिया गया है।

रायबरेली ज़िले में आगामी एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। इस बार ज़िले भर में अलग संस्थाएं 102 केंद्रों पर धान की खरीद करेंगी। इस वर्ष कुल 1 सौ 60 मीटरिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल पहली बार मिलों का अटैचमेंट जिला मुख्यालय के माध्यम से होगा जबकि वेरिफिकेशन डिप्टी आरएमओ के माध्यम से हुआ है। 93 केंद्रों का सेंटर बनाया गया है, पीसीएफ के 42, यूपीएसएस के 6, एफसीआई के 6, पीएसीयू के 14 व 23 अन्य के अलावा 2 सेंटर मंडी समिति के स्तर से बनाए गए हैं। अभी नौ केंद्र क्रियाशील हैं, बाकी की धान खरीद के लिए प्रशासनिक स्तर पर नोडल ऑफिसर एडीएम प्रशासन सिद्धार्थ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार छोटे किसानों को लेकर शासन गंभीर है और उनको प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है।

सिद्धार्थ एडीएम प्रशासन ने बताया की ज़िले में आगामी एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। इस बार ज़िले भर में अलग संस्थाएं 102 केंद्रों पर धान की खरीद करेंगी। इस वर्ष कुल 1 सौ 60 मीटरिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल पहली बार मिलों का अटैचमेंट जिला मुख्यालय के माध्यम से होगा जबकि वेरिफिकेशन डिप्टी आरएमओ के माध्यम से हुआ है। धान खरीद के लिए प्रशासनिक पर नोडल ऑफिसर एडीएम प्रशासन सिद्धार्थ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार छोटे किसानों को लेकर शासन गंभीर है और उनको प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।

धान खरीद को लेकर सभी लोगों से बात कर ली गई है कि किसान अपना धान लेकर आएगा तो ट्रैफिक व्यवस्था पर कोई भी दिक्कत नहीं होगी। ट्रैफिक व्यवस्था को भी निर्देशित किया जाएगा कि किसानों की गाड़ियों का चालान नहीं किया जाए और धान बेचने के लिए किसानों को अच्छी से अच्छी सुविधा भी मिले।

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