Raebareli News: नकली सोने की ईंट की टप्पेबाज़ी करने वाले बारह तस्करों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Raebareli News: इस गैंग का खुलासा करने वाली टीम के मुखिया दयानन्द तिवारी ने जब कड़ी से कड़ी मिलाई तो सभी टप्पेबाज़ गिरफ्त में आ गये।;

Report :  Narendra Singh
Update:2025-02-16 20:52 IST

Raebareli News ( Pic- Social- Media)

Raebareli News: रायबरेली में नकली सोने की ईंट की टप्पेबाज़ी करने वाले बारह असली टप्पेबाज़ों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। टप्पेबाज़ जिस सोने की ईंट के लालच में अपराध की दलदल में फँसे वह बाद में नकली निकली। मामला भदोखर थाना इलाके के लखनऊ प्रयागराज मार्ग का है। यहाँ दो दिन पहले एक बुज़ुर्ग महिला का आभूषण से भरा बैग कुछ टप्पेबाज़ उस समय उड़ा ले गये थे ज़ब इलाज कराने के बाद अपने घर डलमऊ लौट रही थी।

टप्पेबाजी के लिए ऐसे बिछाया जाल

पुलिस ने इस मामले की गहराई से छानबीन की तो छह बाल अपचारी समेत कुल 12 टप्पेबाज़ उसकी गिरफ्त में आ गये और पीछे निकल कर आई एक ऐसी कहानी जिसे सुनकर आप भी चौंक उठेंगे। दरअसल डलमऊ थाना इलाके के कौशेलीदना गाँव निवासी बुज़ुर्ग वादिनी मनोरानी तिवारी के पति का देहांत हो चुका है और वह अकेले ही रहती हैं। इसी बीच पास के गांव निवासी गुड़िया नाम की महिला स्वयं सहायता समूह बनाने के दौरान उनके संपर्क में आई। मनोरानी देवी ने गुड़िया से कहा कि तुम समूह के कार्य में इतना घूमती रहती हो और फिर भी तुमको पैसों का अभाव है।

ऐसे झांसा देक किया तैयार

मनोरानी ने उसे सुझाव देते हुए कहा कि वह अकेले रहती है और उसके पास सोने की कई ईंट हैं। अगर तुम मेरी सेवा सत्कार करो तो मेरे बाद वह ईंट तुम्हारी होंगी। गुड़िया सहर्ष तैयार तो हो गई लेकिन वह सोने का अंडा पाने के चक्कर में मुर्गी को ही हलाल करने की जुगत में लग गई। गुड़िया को यह मौका तब मिला जब मनोरानी की तबियत खराब हुई। गुड़िया ने उसे अस्पताल में दिखाने के लिये तैयार किया साथ ही यह भी सुझाव दिया कि घर का सारा कीमती ज़ेवर व सोने की ईंट उसे झोले में रख कर साथ ले चलना चाहिये वरना खाली घर से उनकी चोरी हो सकती है। मनोरानी तिवारी ने वैसा ही करते हुए सारे ज़ेवर साथ ले लिये। शहर स्थित निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने के बाद एक कार पर बैठा कर गुड़िया गांव के लिये रवाना हुई।

पहले से सेट थी पूरी कहानी

गांव पहुँचने से पहले ही भधोखर थाना इलाके में मुंशीगंज के पास कुछ लड़कों का एक झुण्ड अचानक कार के पास आया और पलक झपकते ही कार में पीछे रखा आभूषण का झोला गायब हो गया। दरअसल यह पूरी कहानी गुड़िया ने पहले ही सेट कर रखी थी। गुड़िया ने अपने दो बेटों को बता रखा था कि कार जब मुंशीगंज के पास पहुंचेगी तो उसे इण्डिकेटर जलाकर सचेत कर दिया जाएगा। गुड़िया के दो बेटे अपने नाबालिग दोस्तों के साथ खड़े थे। मुंशीगंज के पास जैसे ही कार ने इण्डिकेटर जलाकर सिग्नल दिया गुड़िया के बेटे व दोस्तों ने कार को घेर लिया और एक ने शीशा खुली पिछली सीट से झोला पार कर दिया।

कार का ड्राइवर भी मिला हुआ था

कार का ड्राइवर भी टप्पेबाज़ गैंग का ही सदस्य था। पुलिस इस मामले में गुड़िया को शुरू से संदिग्ध मानकर चल रही थी। इस गैंग का खुलासा करने वाली टीम के मुखिया दयानन्द तिवारी ने जब कड़ी से कड़ी मिलाई तो सभी टप्पेबाज़ गिरफ्त में आ गये। इस पूरी घटना में सबसे रोचक तथ्य तब सामने आया जब सभी लोग पकड़ लिये गये और माल बरामद हुआ। उसके बाद पूछताछ के लिये एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा थाने पहुंचे तो उन्हें बरामद माल में से पीले रंग की सोने की ईंट पर उन्हें शंका हुई। उन्होंने मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाते हुए आरोपियों से कहा कि जिस ईंट के लिये तुमने अपराध किया वह नकली है। उधर वादिनी को लगा कि उसका राज़ खुल गया है तो उसने कहा कि बुढ़ापे में सेवा सत्कार हो इसलिए उसने यह प्रचारित कर रखा था कि उसके पास सोने की ईंट है। हालांकि ईंट के अलावा बरामद अन्य चांदी के आभूषण असली हैं।

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