अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में क़रीब 30 ग्राम पंचायतों को सुलतानपुर ज़िले से जोड़े जानें का मुद्दा एक दशक के बाद फिर से गर्मा गया है। रविवार को आसल संघर्ष समिति ने इस आशय के साथ एक पत्र अमेठी विधायक गरिमा सिंह को दिया है।
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80 हज़ार की आबादी का दर्द
आसल संघर्ष समिति की ओर से त्रिसुंडी, रामगंज, छीड़ा समेत 30 ग्राम पंचायतों के प्रधान आदि सैकड़ों की संख्या में अमेठी विधायक गरिमा सिंह के पास पहुंचे। यहां विधायक श्रीमती सिंह को दिए पत्र में समिति ने मांग किया कि वर्ष 2010 में बने ज़िले का परिसीमन ग़लत ढंग से हुआ, जिसके कारण अमेठी के आसल परगना के क़रीब 80 हज़ार लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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50-60 किलोमीटर का लम्बा सफर तय कर रहे लोग
समिति के पदाधिकारियों ने विधायक को बताया कि उन सबकी ग्राम पंचायतों से सुल्तानपुर जिले की दूरी मात्र 10 से 15 किलोमीटर के आसपास है, लेकिन परिसीमन में ग्राम पंचायतों को अमेठी से जोड़ दिया गया जिससे ग्राम पंचायतों और मुख्यालय की दूरी 50 से 60 किलोमीटर के आसपास हो गई। आरोप है कि इससे पब्लिक को मानसिक और शारिरिक पीड़ा के साथ समय का नुकसान हो रहा है।
शीर्ष नेतृत्व तक बात पहुंचाकर जल्द पूर्ण होगीं मांग: गरिमा सिंह
अमेठी विधायक गरिमा सिंह ने आसल संघर्ष समिति के सदस्यों को गौर से सुना और फिर आश्वासन दिया की आपकी बात को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाकर जल्द ही आपकी मांगो को पूर्ण किया जाएगा। विधायक से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में समिति के प्रमुख पदाधिकारियों अशोक कुमार सिंह प्रधान नरबहनपुर, रघुवंश कुमार सिंह प्रधान कुरंग, दुर्गेश सिंह प्रधान प्रतिनिधि पीपरपुर, कृष्णप्रताप सिंह पीपरपुर, आजाद सिंह प्रधान मवइया, इमरान खान प्रधान मंगरा, रामबली यादव प्रधान बहादुरपुर, राधेश्याम अग्रवाल प्रधान त्रिलोकपुर, तेजबहादुर वर्मा प्रधान दुर्गापुर,
सुरेश सिंह सोनारी, प्रमोद सिंह छीडा एवं सैकड़ो समर्थक मौजूद रहे।
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