रमाबाई मैदान में अपनी 'ताकत' दिखायेंगे राजा भैया, देखें तस्वीरें

लखनऊ रैली के लिए स्पेशल ट्रेन बुक करवाई गई है। ट्रेन संख्या 00431 परियावां स्टेशन से 30 तारीख को सुबह साढ़े आठ बजे चलकर सुबह 11.55 बजे लखनऊ पहुंचेगी। इसके बाद लखनऊ से शाम 19.20 बजे समर्थकों को लेकर वापस लौटेगी। इस ट्रेन से समर्थक मुफ्त में रैली स्थल पहुंचेगे।

Update: 2018-11-30 05:12 GMT

लखनऊ: राजा भईया ​के समर्थक बुक कराई गई ट्रेन से चारबाग स्टेशन पहुच गए हैं। समर्थक धीरे धीरे रमाबाई मैदान की तरफ रवाना हो रहे हैं। बता दें कि 30 साल तक बतौर निर्दलीय विधायक सियासी पारी खेलने वाले कुंडा (प्रतापगढ़) के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया आज राजधानी के रमाबाई मैदान में आयोजित रैली में अपनी ताकत दिखाएंगे। हजारों की संख्या में समर्थक पहुच चुके हैं।

वैसे तो रघुराज के समर्थकों ने इस रैली को ‘राजा भइया रजत जंयती अभिनंदन समारोह’ का नाम दिया है, लेकिन इस कार्यक्रम में राजा भइया अपनी प्रस्तावित नई पार्टी के नाम और एजेंडे की घोषणा कर सकते हैं। इस समारोह का आयोजन राजा भइया के राजनीतिक जीवन के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है।

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आज वह अपनी पहली राजनीतिक रैली में वह नई पार्टी के नाम की औपचारिक घोषणा भी कर सकते हैं। उन्होंने पार्टी का नाम 'जनसत्ता पार्टी' रखा है। रैली आयोजकों का दावा है कि करीब एक लाख समर्थक जुटेंगे। रैली में राजा भैया हेलीकाप्टर से उतरेंगे। इस मौके पर राजा भैया विशाल जनसभा को संबोधित भी करेंगे।

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राजा भईया के अब तक का सियासी सफर ऐसे रहा

बता दें कि राजा भैया बीजेपी और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन योगी सरकार में उनकी एंट्री मंत्रिमंडल में नहीं हो सकी है। राजा भैया लगातार आठवीं बार विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं। 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था। करीब 18 महीने वह जेल में रहे।

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2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे। फिलहाल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राजा भैया की रैली पर सरकार से लेकर विपक्षी पार्टियों की नजर रहेगी।

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