Rajya Sabha Election: यूपी में सभी 11 प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय, 3 जून को तस्वीर होगी साफ
उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर भाजपा की ओर से 8 और सपा की तरफ से 3 प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल किया है। ऐसे में सभी 11 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है।
Lucknow: 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन खत्म हो गया है। इन 57 सीटों में उत्तर प्रदेश की 11 सीट शामिल हैं। जिस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से 8 और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से तीन प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल किया है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में सभी 11 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। अगर 12वें प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया होता तो वोटिंग की नौबत आती। अब एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 3 जून को असल तस्वीर साफ हो जाएगी।
बीजेपी के आठ उम्मीदवार
बीजेपी (BJP) की तरफ आज (मंगलवार) को एक साथ सभी आठ प्रत्याशियों ने अपना पर्चा भरा है। जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, गोरखपुर शहर से पूर्व विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, राज्यमसभा सदस्यप सुरेन्द्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, दर्शना सिंह, संगीता यादव, डॉ के लक्ष्मण और मिथलेश कुमार शामिल रहे। भारतीय जनता पार्टी ने इसमें भी जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है। पुराने कई दिग्गजों का टिकट काटकर नए नेताओं को मौका दिया है। नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के साथ तमाम मंत्री और सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहे।
सपा से तीन प्रत्याशी
संख्या बल के हिसाब से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने तीन प्रत्याशी उतारे हैं। जिसमें से कांग्रेस के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जाने माने वकील कपिल सिब्बल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। हालांकि उन्हें सपा का समर्थन प्राप्त है, इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Rashtriya Lok Dal President Jayant Choudhary) को अखिलेश उच्च सदन भेज रहे हैं। तीसरा नाम जावेद अली खान का है। अखिलेश यादव ने कहा था वह चौथा उम्मीदवार नहीं उतारेंगे क्योंकि उनके पास तीन ही प्रत्याशी जिताने का मत है।
एक सीट के लिए चाहिए 35 विधायक
उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधायक हैं, राज्यसभा की एक सीट के लिए तकरीबन 35 विधायकों के वोट की जरूरत है। बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक हैं, जिसके लिहाज से 7 सीट जीतने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी। सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं, इस हिसाब से 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे में 11वीं सीट के लिए बीजेपी और सपा के बीच सियासी घमासान तभी होता जब 12वां प्रत्याशी मैदान में होता। बीजेपी सात सीटों पर आसानी से जीत के बाद 14 अतिरिक्त वोट बच रहे हैं, ठीक इसी तरह तीन सीटों पर जीत हासिल करने के बाद सपा के पास भी 14 वोट और बच रहे थे। लेकिन सपा की ओर से चौथा प्रत्याशी नहीं उतारे जाने से बीजेपी का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं, राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो, बसपा के एक विधायक हैं। जनसत्ता दल के दो विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिल सकता है, पिछले चुनाव में भी राजा भैया ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था। जिसके बाद अखिलेश यादव और राजा भैया के रिश्तों में खटास आ गई थी। कांग्रेस और बसपा का किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं होने के कारण वोट देने के लिए आजाद हैं।
यूपी में राज्यसभा की कुल 31 सीटें
यूपी में राज्यसभा की कुल 31 सीटें हैं, इनमें से 11 सीटों पर मतदान हो रहा है। पिछली बार इनमें से पांच भाजपा, तीन सपा, दो बसपा और एक कांग्रेस के खाते में थीं। मगर इस बार संख्या बल सिर्फ भाजपा और सपा के ही पास है। ऐसे में कांग्रेस और बसपा की तरफ से प्रत्याशी मैदान में नहीं है।