Rajya Sabha Election: ...तो क्या भाजपा अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को राज्यसभा में भेजकर खेलेगी ब्राह्मण कार्ड!
Rajya Sabha Polls 2022: ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को उच्च सदन (Upper House) में भेजकर बीजेपी ब्राह्मण कार्ड (Brahmin Card) खेल सकती है।
Meerut News: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी (Laxmikant Bajpai) का नाम एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा उन्हें राज्यसभा भेजने को लेकर हो रही है। भाजपा राजनीतिक गलियारों में गश्त कर रही अटकलों को मानें तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को उच्च सदन (Upper House) में भेजकर पार्टी ब्राह्मण कार्ड (Brahmin Card) खेल सकती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 11 सीटों में से भाजपा (BJP) आठ सीटें जीत सकती है। यहां पर भाजपा के पांच सदस्य रिटायर हो रहे हैं।
इन आठ सीटों के लिए प्रदेश बीजेपी ने लगभग दो दर्जन से ज्यादा प्रमुख नाम पर चर्चा के बाद नामों को केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया। इनमें मौजूदा सांसद जफर इस्लाम (Syed Zafar Islam), संजय सेठ (Sanjay Seth), सुरेंद्र नागर (Surendra Singh Nagar) और शिव प्रताप शुक्ला (Shiv Pratap Shukla) के साथ पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma), लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Bajpai), प्रियंका रावत (Priyanka Singh Rawat), जयप्रकाश निषाद (Jai Prakash Nishad), नरेश अग्रवाल (Naresh Agrawal) के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम सबसे ऊपर
इनमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 2017 विस चुनाव हारने के बाद हाशिए पर चल रहे डॉ. बाजपेयी को उच्च सदन में भेजकर पार्टी पश्चिम उप्र में ब्राहमण राजनीति को नई दिशा दे सकती है। हालांकि उप्र श्रमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला (Sunil Bharala) भी ब्राहमण चेहरे के रूप में अहम दावेदार हैं। लेकिन वाजपेयी के मुकाबले उनका कद और राजनीतिक अनुभव काफी कम है।
गौरतलब है कि डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी जब प्रदेश अध्यक्ष रहे तो प्रदेश से रिकार्ड 73 सीटों पर भाजपा ने लोकसभा में जीत दर्ज की। तमाम कयासों के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें भाजपा की प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश से 11 राज्यसभा सदस्यों के हो रहे चुनाव में डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम लगभग तय हो गया है। बस भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक (Central Election Committee Meeting) के बाद प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होना शेष है।
पहली बार होगा ऐसा
सूत्रों की मानें तो डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम अगर कटता है तो उसकी सबसे वजह मेरठ में पहले से दो राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर और कांता कर्दम का होना रहेगी। ऐसे में मेरठ में ऐसा हुआ तो पहली बार मेरठ जिला तीन-तीन राज्यसभा सदस्यों का हो जाएगा।
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