Ayodhya Ram Mandir: अजय कुमार लल्लू बोले- चंदा चोर, गद्दी छोड़, CM बताएं कैसे हुई चंदे की लूट
कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रीय राष्ट्रवादी जन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकरम अंसारी ने अपने पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया। अजय कुमार लल्लू में उन्हें अपने पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी।
लखनऊ: कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रीय राष्ट्रवादी जन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकरम अंसारी ने अपने पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया। इस मौक़े पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू में उन्हें अपने पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस मौक़े पर अकरम अंसारी का स्वागत किया। अजय कुमार लल्लू ने उत्तर प्रदेश सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर भूमि में हुए घोटाले ने सबको बेनक़ाब कर दिया है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि जो चंदा राम मंदिर के लिए लिया गया था वो राम मंदिर के लिए था या अपनी सम्पत्ति बढ़ाने के लिए चंदा इकठ्ठा किया गया था।
पवन पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाए
बता दें कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया गया है। अयोध्या के पूर्व विधायक और सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि 2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट और बैनामा दोनो में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं। 18 मार्च 2021 को ही करीब 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस जमीन को दो करोड़ में खरीदा गया उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ?
आम आदमी पार्टी ने भी लगाए आरोप
आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि 2 करोड़ की खरीदी गई जमीन को कुछ ही मिनटों बाद राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बिक्री के लिए एग्रीमेंट किया गया। ट्रस्ट ने रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करके 16.5 करोड़ के भुगतान का दावा कर चुका है।
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि 2 करोड़ की ज़मीन खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट, दोनो में राम जन्मभूमि ट्रेस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं। उनका कहना है कि इस तरह हेराफेरी करके दान के पैसों में 16 करोड़ की चपत लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। तत्काल इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराई जाए।