अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है। चाहे वह शिवसेना का के उद्धव ठाकरे का शो रहा हो या राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषांगिक संगठनों के सहयोग से होने वाली धर्म सभा के जरिये विराट हिन्दू शक्ति प्रदर्शन दोनो के ही जरिये राम मंदिर का मुद्दा गरमाया। लेकिन जहां तक राम मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढऩे की बात थी तो उस दिशा में कोई भी एक कदम आगे नहीं बढ़ सका। आइए देखते हैं सोशल मीडिया और न्यूज साइटों पर समय समय पर इस विषय पर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषियों की गणना इस दिशा में क्या कहती है, कितनी सटीक रही है उनकी भविष्यवाणी।
इन दिनों जो सबसे अधिक वायरल भविष्यवाणी है वह है जाने माने ज्योतिषी आचार्य राजीव नारायण शर्मा की। इस भविष्यवाणी में कहा गया है कि मार्च 2020 से पहले कोई भी ताकत इस धरती पर मंदिर निर्माण का कार्य नहीं करा सकती है। उनकी यह भविष्यवाणी मार्च 2018 से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन हालात को देखते हुए आइए एक चीज देखें कि भाजपा की कुंडली क्या कह रही है? क्या उसके नसीब में है राम मंदिर निर्माण का सेहरा?
क्या कहती है भाजपा की कुंडली
ज्योतिषविद् आचार्य राजीव नारायण शर्मा के अनुसार 6 अप्रैल 1980 को बनी भाजपा की कुंडली मिथुन लग्न की है। हालांकि लग्न के स्वामी बुध नवम भाव (मंदिर) में हैं, परन्तु नवम भाव, इसके स्वामी शनि, दशम भाव (यश, कीर्ति), इसके स्वामी बृहस्पति एवं बुध सभी पाप ग्रहों से पीडि़त हैं यानी इसके द्वारा मंदिर निर्माण कराए जाने में अड़चनें हैं। सफलता संदिग्ध है।
अब आइये देखते हैं मोदी के सितारे क्या कह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ। उनका भी नवमेश चंद्रमा नीच का छठवें भाव के स्वामी मंगल से पीडि़त है। दशमेश सूर्य और बृहस्पति भी पीडि़त है यानी मंदिर निर्माण करा पाना इनके लिए भी संभव नहीं दिख रहा है। हालांकि सूर्य का लाभ के भाव यानी ग्यारहवें घर में, लाभेश बुध के साथ होने से उन्हें राजनीतिक सफलता और मंदिर मुद्दे से लाभ मिलने के संकेत अवश्य दिख रहे हैं।
मोटे तौर पर यह कह सकते हैं कि भाजपा और मोदी की कुंडली में मंदिर निर्माण का सुख नहीं दिख रहा है। ये ऐसा ही है जैसे हर किसी के नसीब में अपना घर बनाने का सुख नहीं होता।
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बदल रही है ग्रहों की चाल
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य एवं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं.ऋषि द्विवेदी ने प्रभु श्रीराम की जन्म कुंडली का अध्ययन करने के बाद कहा कि ग्रहों की चाल बदल रही है। वाल्मिकी रामायण के आधार पर प्रभु श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र के समय कर्क लग्न में हुआ था। उस समय पांच ग्रह अपने-अपने उच्च राशि में स्थित थे। बृहस्पति चंद्रमा के साथ थे। उसी समय मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अवतार हुआ था। इस कुंडली को देखा जाए तो प्रभु श्रीराम का जन्म कर्क लग्न व कर्क राशि में हुआ था। भगवान श्री राम के गोचर कुंडली का अध्ययन किया जाए तो कुंडली में गृह सुखादि का भाव चतुर्थ भाव माना जाता है। कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी शुक्र है। वर्तमान गोचर में देखा जाए तो अभी शुक्र का संचरण कन्या राशि पर वक्र गति से हैं।
पं.द्विवेदी के मुताबिक 24 नवम्बर से दो जनवरी तक शुक्र अपने गृह तुला राशि पर आ जाएंगे। वहीं भूमि-भवन के कारण व कर्क लग्न के लिए योगकारी मंगल का भी संचरण इसी बीच 20 दिसंबर को कुंभ राशि से मीन राशि में संचरण होगा। भूमि पुत्र मंगल की भी अष्टम दृष्टि गृह भाव पर पड़ेगी जहां पर गृहेश शुक्र पहले से ही विराजमान होंगे। वही बृहस्पति का संचरण वृश्चिक राशि पर 11 अक्टूबर को हो चुका है जो गृह भाव से द्वितीय भाव में है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों को योग को देखा जाये तो भाव भावेश कारक के अनुसार यह त्रिकोणीय ग्रहों का योग राम मंदिर बनाने में सहयोग करेगा जिसका प्रमुख समय 20 दिसंबर से 3 फरवरी 2019 तक रहेगा। हालांकि शुक्र में तुला के प्रवेश अर्थात 24 नवम्बर से ही माहौल बनने लगेगा। ऐसा होता दिख भी रहा है कि 24 नवंबर से राम मंदिर का मुद्दा तेजी पकडऩे लगा है।
गलत साबित हुईं कई भविष्यवाणियां
मंदिर निर्माण को लेकर यह पहली भविष्यवाणी नहीं है। इससे पहले भी इस मुद्दे पर भविष्यवाणियां होती रही हैं जिसमें तमाम गलत भी साबित हुई हैं। पिछले साल देहरादून में आयोजित ज्योतिष कुंभ में मशहूर ज्योतिषी लेखराज ने एलान किया था कि 2018 तक राम मंदिर मसला सुलझ जाएगा जो कि अभी तक नहीं सुलझा है। ज्योतिष गुरु स्वामी हरिदयाल ने भी कहा था कि मौजूदा संवत 2074 का राजा बुध और मंत्री गुरु है और मूलांक 13 है, जो इस बात का द्योतक है कि देश को जटिल समस्या से मुक्ति मिलने वाली है और वह भी सारगर्भित तरीके से। फिलहाल अभी ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
चित्रकूट के प्रख्यात राम कथा वाचक तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने राम मंदिर निर्माण तिथि की भविष्यवाणी करते हुए निर्माण कार्य के पूर्ण होने की तिथि भी निश्चित कर दी थी। रामभद्राचार्य मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर को ही राम मंदिर मानते है। पुनर्निर्माण को जीर्णोद्धार मानते हुए उन्होंने कहा था कि 2016 में निर्माण शुरू हो जाएगा और 6 दिसंबर 2018 तक राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जायेगा। मेरी भविष्यवाणी झूठी नहीं हो सकती। अगर मेरी वाणी झूठी साबित हुई तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
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योगी सरकार के मंत्री की भविष्यवाणी
योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी भविष्यवाणी की है कि कोर्ट का फैसला अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में होगा और 2019 से पहले वहां एक भव्य राम मंदिर बनेगा। दरअसल यह भविष्यवाणी सिद्धार्थ नाथ की नहीं स्वामी ब्रह्म योगानंद की है। स्वामी योगानंद की तमाम भविष्यवाणी सच हुई हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह का यह भी दावा है कि 2019 में इलाहाबाद के अर्धकुंभ मेले से पहले अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।