Umesh Pal Murder Case: अतीक के बचाव में आये रामगोपाल यादव, कहा- एक लड़के की हो सकती है हत्या
Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज की घटना के अगले ही दिन पुलिस ने अतीक के दो नाबालिग बेटों को उठा लिया था। तब से उसके लोकेशन के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है।
Umesh Pal Murder Case: बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के अहम गवाह उमेश पाल की हत्या ने यूपी की राजनीति को गरमा दिया है। माफिया अतीक अहमद को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोंकझोंक हो चुकी है। प्रयागराज की घटना के अगले ही दिन पुलिस ने अतीक के दो नाबालिग बेटों को उठा लिया था। तब से उसके लोकेशन के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। अतीक की पत्नी को अपने बेटों के एनकाउंटर का डर सता रहा है।
इस बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव अतीक के दोनों नाबालिग बेटों के बचाव में कूद पड़े हैं। इटावा में मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज की घटना में असल आरोपी नहीं मिल रहे हैं। पुलिस पर दवाब है कि जो पकड़ा में आ जाए गोली मार दो। अतीक अहमद के पढ़ने वाले दो लड़कों को तो पहले ही दिन पकड़ कर ले गए, आप देख लेना में उनसे में से एक ही हत्या हो जाएगी।
रामगोपाल के बयान ने सपा की बढ़ाई मुश्किलें
उमेश पाल और उनके दो गनरों की दिनदहाड़े हत्या को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेर रही समाजवादी पार्टी अब रामगोपाल यादव के बयान से बैकफुट पर आ गई है। जेल में बंद माफिया और कुख्यात बाहुबली अतीक अहमद के बेटों के प्रति सहानुभूति दिखाकर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के उन आरोपों की एक तरह से पुष्टि कर दी है, जो उन्होंने सदन में सपा पर लगाए थे।
अतीक लंबे समय से सपा के साथ राजनीतिक तौर पर जुड़ा रहा है। उसका सियासी वर्चस्व सपा की सरकारों के दौरान ही बढ़ा। हालांकि, अखिलेश यादव ने बाद के दिनों में खूद को अतीक जैसे नेताओं की परछाई से दूर करने की कोशिश जरूर करते रहे। लेकिन चाचा रामगोपाल यादव के बयान ने बीजेपी को उन्हें घेरना का मौका दे दिया है। अब बीजेपी रामगोपाल यादव के बयान के बहाने सपा की आपराधिक तत्वों को प्रश्रय देने वाली पार्टी की छवि के तौर पर प्रचारित करेगी, जिससे अखिलेश निकलने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
सीएम योगी ने अतीक को बताया था सपा द्वारा पोषित माफिया
दरअसल, सदन में प्रयागराज शूटआउट पर चर्चा के दौरान माफिया डॉन अतीक अहमद को संरक्षण देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बीच गरमागरम बहस देखने को मिली थी। यूपी सीएम ने बेहद तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा था कि जो ये अपराधी हैं, माफिया हैं, पाले किसके द्वारा गए हैं ? जिस माफिया के खिलाफ परिवार ने आरोप लगाए हैं,क्या सपा ने उन्हें सांसद नहीं बनाया था? आप अपराधियों को मार्ल्यापण करेंगे। उन्हें प्रश्रय देंगे, गले का हार बनाएंगे और फिर दोषारोपण भी करेंगे।
इस पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा था कि आप बताइए किस पार्टी का सदस्य है। वह बहुजन समाज पार्टी का सदस्य है। लेकिन आप की उनसे दोस्ती है, इसलिए आप उनका नाम नहीं ले रहे हैं। इस पर सीएम योगी ने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि जिस अतीक अहमद के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने मुकदमा दर्ज कराया वह समाजावदी पार्टी द्वारा पोषित माफिया है।
अतीक अहमद की कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है। इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। जितने भी माफिया हैं, मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रूके उन्होंने सपा नेता की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये पेशेवर अपराधियों और माफियाओं के सरपरस्त हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है। अपराध के अलावा इन्होंने कुछ सीखा ही नहीं है।
उमेश पाल ही हत्या से दहल गया था प्रयागराज
24 फरवरी की शाम संगमनगरी प्रयागराज गोलियों की तड़तड़ाहट और बमों के धमाके से गूंज उठा था। 18 साल बाद इस शहर में एकबार फिर उसी स्टाइल में एक मर्डर को अंजाम दिया गया, जैसे 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की की गई थी। दिनदहाड़े माफिया अतीक अमहद के गुर्गों ने राजू पाल हत्याकांड के अहमद गवाह उमेश पाल समेत दो सरकारी गनर को गोलियों से भून डाला था। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर माफिया अतीक के परिवार समेत 14 लोगों को नामजद किया गया है।
प्रयागराज पुलिस इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले 7 आरोपियों में से दो का एनकाउंटर कर चुकी है। जबकि पांच की तलाश जारी है। सभी पर ढाई-ढाई लाख रूपये के इनाम हैं। इनमें अतीक का तीसरा बेटा असद अहमद भी शामिल है, जिसे मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।