बलरामपुर: जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने ही बहू के साथ रेप करने वाले ससुर रामलोचन को 13 साल कैद की कड़ी सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने 8 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं सह आरोपी रही (सास) रामदुलारी को एक साल की प्रवीक्षा में रहने की सजा सुनाई है।
क्या है पूरा मामला
-पीड़िता का पति मुंबई में रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर रहकर काम करता था।
-ससुर ने 15 अगस्त 2006 की रात पीडिता से रेप किया और विरोध करने पर मारपीट की।
-पीडिता ने जब इसकी शिकायत सास से की तो उन्होंने भी मुंह बंद करने धमकी देकर मारपीट की।
-उसके बाद ससुर आएदिन पीड़िता का शारीरिक शोषण करने लगा।
-इस दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने एक एक लड़की को जन्म दिया।
-लड़की के जन्म के बाद से ही सास और ससुर ने पीड़िता मीरा देवी का उत्पीड़न शुरू कर दिया।
-सास-ससुर ने पीड़िता को 6 जुलाई 2007 को घर से भगा दिया।
थाने से निराशा मिलने पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
-पीड़िता ने अपने मायके वालों के साथ स्थानीय थाने में इसकी शिकायत की लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई ।
-इसके बाद पीड़िता ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया और सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मामला न्यायालय पर दायर किया।
-15 नवम्बर 2007 को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी सास-ससुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कारवाई शुरू की।
पीडिता को मिला इंसाफ
-जिरह-बहस और गवाही के दौर के बाद गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार सिंह ने आरोपी ससुर रामलोचन को दोषी करार दिया।
-अदालत ने आरोपी को धारा 376 (बलात्कार), मारपीट और उत्पीड़न की धारा 323, 504, 506 के तहत दोषी पाते हुए क्रमशः 10 साल व अन्य 3 धाराओ में 1-1 वर्ष की कड़ी सजा सुनाई है।
-कोर्ट ने आरोपी को कुल 13 वर्ष की सजा सुनाई है लेकिन सारी सजाएं एकसाथ चलेंगी।
-इसके अलावा 8 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है।