UP विधानसभा: विपक्ष के सवाल पर बोले जलशक्ति मंत्री, नलकूपों का हो रहा निर्माण
जलशक्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 421 खराब नलकूपों के पुनःनिर्माण का कार्य चल रहा है। परियोजना द्वारा कुल 1,10,100 हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुर्नस्थापन की जानी है।
लखनऊ: विधानसभा में आज प्राथमिक विद्यालयों पर तैनात ग्राम शिक्षा प्रेरकों की सेवाएं समाप्त में राज्य सरकार द्वारा कहा गया कि यह योजना ख़त्म कर दी गई है पर इसके मानदेय के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है। प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य आजाद अरिदर्मन ने सत्ता पक्ष से सवाल किया कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों पर तैनात ग्राम शिक्षा प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी गयी है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि राज्य सरकार ग्राम शिक्षा प्रेरकों की बहाली कराते हुए इनके बकाये मानदेय का भुगतान कब तक करेगी?
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शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने दी ये जानकारी
इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा साक्षर भारत मिशन वर्ष 2009-10 से संचालित किया गया था, जिसमें 15 वर्ष से ऊपर वर्ग के निरक्षरों को बेसिक साक्षरता प्रदान करने के उददेश्य से प्रेरकों का मनोनयन किया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2018 को योजना समाप्त कर दी गयी है। उन्होेंने बताया कि केन्द्र सरकार से धनराशि मांगी जा रही है, प्राप्त होते ही भुगतान कर दिया जायेगा।
विपक्ष के एक सदस्य डा श्याम सुंदर शर्मा ने सवाल किया कि वबढ़ती महगांई को देखते हुए प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर सरकार विचार करेगी? इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय में पारित आदेश के क्रम में शिक्षामित्रों का मानदेय बढाकर नियत 10,000 रुपए प्रतिमाह निर्धारित किया गया है।
सिंचाई की व्यवस्था के लिए सरकार से सवाल
समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज पारस ने सरकार से जानना चाहा कि प्रदेश के ऐसे जनपदों में जहां सिंचाई की व्यवस्था न होने से सूखे के कारण फसल का समुचित उत्पादन नहीं हो पाता है, को चिन्हित कर सरकार सिंचाई हेतु सरकारी ट्यूबवेल स्थापित करेगी?
इस पर जलशक्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने कहा कि सिंचाई याँत्रिक विभाग द्वारा प्रदेश में राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों के माध्यम से कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष एक अप्रैल .2020 के अनुसार प्रदेश में 34401 राजकीय नलकूपों एवं 253 लघु डाल नहरों के माध्यम से कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा 29 वृहद एवं मध्यम पम्प नहरों के शीर्ष पर स्थापित याँत्रिक उपकरणों का रखरखाव एवं सिविल संगठन की मांग के अनुरूप संचालन भी किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में असफल राजकीय नलकूपों के पुनरूनिर्माण हेतु ‘ असफल राजकीय नलकूपों के पुनः निर्माण की परियोजना चल रही है, जिसके अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 44 एवं 2019-20 में 325 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 421 खराब नलकूपों के पुनःनिर्माण का कार्य चल रहा है। परियोजना द्वारा कुल 1,10,100 हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुर्नस्थापन की जानी है।
श्रीधर अग्निहोत्री