UP News: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब यूपी में मान्यता प्राप्त मदरसों की होगी जांच

UP News: प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग की जांच के बाद अब योगी सरकार मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच करवाने जा रही है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2023-12-05 10:42 IST
सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों को लेकर एक बडा़ फैसला लिया है। प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग की जांच के बाद अब योगी सरकार स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच करवाने जा रही है। स्थायी मदरसों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।

जांच कमेटी का गठन

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने स्थायी मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। विभाग ने दो सदस्यीय कमेठी का गठन किया है। मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार डॉक्टर प्रियंका अवस्थी ने अल्पसंख्यक कल्याम निदेशक जे रीभा को पत्र भेजकर यूपी मदरसा मान्यता प्राप्त प्रशासन और सेवा विनिमावली 2016 के तहत मदरसों के मानकी की जांच करने की सिफारिश की है।

30 दिसंबर तक पूरी करनी है जांच

मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार डॉक्टर प्रियंका अवस्थी ने बताया कि 59 जिलों में 560 अनुदानित मदरसों की जांच 30 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद स्थायी मान्यता वाले 3834 मदरसों की जांच 15 जनवरी से 30 मार्च के बीच की जाएगी।  रजिस्ट्रार ने बताया कि अनुदानित मदरसों की जांच जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व जिलाधिकारी द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे। जिन जिलों में अनुदानित मदरसों की संख्या 20 से ज्यादा है, वहां संबंधित मंडल के अल्पसंख्यक कल्याण उप निदेशक और जिलाधिकारी द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी जांच करेंगे।

560 मदरसों की होगी जांच

बता दें कि योगी सरकार ने पिछले दिनों गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग की जांच यूपी सरकार ने कराई थी, इस दौरान करीब साढ़े आठ हजार मान्यता प्राप्त मदरसे सामने आए थे, इन मदरसों में भी कुछ की अवैध फंडिग की जांच एटीएस कर रही है। प्रदेश में स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 4394 है। सरकार इस बार जांच की शुरुआत सरकार से अनुदान मिलने वाले 560 मदरसों से करेगी।  

इन मदरसों में जांच की जाएगी कि बच्चों को मानकों के अनुरूप शिक्षा दी जा रही है या नहीं। बच्चों को वैज्ञानिक और आधुनिक शिक्षा का भी स्तर मापा जाएगा। साथ ही कुल स्वीकृत पदों की संख्या, कार्यरत लोग, कक्षाओं की संख्या और क्या वह मानकों के अनुसार रूप है या नहीं, शिक्षकों के अनुरूप छात्रों का अनुपात और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाए जाने की स्थिति की जांच होगी। 


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