यूपी इन्वेस्टर्स समिट: सजावट में 60 लाख रुपये के घपला मामले में शासन को सौंपी गई रिपोर्ट

Update:2018-11-28 17:28 IST

लखनऊ: फरवरी में हुई इन्वेस्टर्स समिट में की गई सजावट में करीब 60 लाख रुपये का घपला सामने आया है। इसकी जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीद में नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया गया है। शासन स्तर पर अब इस रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि उद्यान विभाग के कई अफसरों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

इन्वेस्टर्स समिट में राजधानी लखनऊ और कार्यक्रम स्थल पर फूलों से सजावट की गई थी। गमले भी खरीदे गए थे। उद्यान विभाग ने इस पर कुल 2.58 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया। घपले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से की गई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए। एपीसी प्रभात कुमार ने मामले की जांच के लिए पीसीएफ के एमडी प्रमोद उपाध्याय और निदेशक, वित्त आलोक अग्रवाल की कमेटी ने करीब 40 पेज की रिपोर्ट में खरीद प्रक्रिया में कई खामियां बताई हैं।

ये भी पढ़ें.... …..तो इसलिए सज्जाद लोन को जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी बीजेपी

नियमों से विपरीत फर्मों को पहुंचाया गया फायदा

रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीद में आलमनगर, कृष्णा नगर व सिंधु नगर क्षेत्र की चार फर्मों को नियमों के विपरीत फायदा पहुंचाया गया। इन फर्मों में उद्यान विभाग के अधिकारियों की पार्टनरशिप भी है। चार चहेती फर्मों को काम दिलाने के लिए एक ऐसी कंपनी के 23 कोटेशन लगाए गए, जो 15 साल पहले बंद हो चुकी है। एक अन्य कंपनी के 53 कोटेशन लगाए गए, लेकिन उसके नाम एक भी काम आवंटित नहीं किया गया। जाहिर है कि ये 53 कोटेशन भी आंख में धूल झोंकने के लिए लगाए गए। चहेती फर्मों से गमले और पौधे खरीदने के लिए अन्य फर्मों से इनके रेट मैच कराए गए।

ये भी पढ़ें.... अच्छी पहल: पर्यावरण संरक्षण के लिए इस निजी स्कूल ने शुरू की अनोखी मुहिम, फीस के बदले…

जो काम 20 लाख में होता उस पर खर्च किए गए 32 लाख

रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीद प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जी पेपर्स का इस्तेमाल किया गया। कई ऐसी कंपनियों के पेपर्स लगाए गए, जिनका जांच में अस्तित्व ही नहीं मिला।

गमलों के परिवहन पर दिखाए 32 लाख रुपये खर्च

जबकि बाजार रेट पर यह काम 20 लाख रुपये में आसानी से पूरा किया जा सकता था। चहेती फर्मों को ही अधिकतर ऑर्डर दिए गए। रिपोर्ट में कुल नुकसान का आकलन 50 से 60 लाख रुपये के बीच किया गया है।

ये भी पढ़ें.... पर्यावरण क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए KGMU के प्रो. सूर्यकांत को मिला फेलोशिप अवॉर्ड

कृषि उत्पादन ने आयुक्त ने भी मानी गड़बड़ियों की बात

मामले पर कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। रिपोर्ट पर परीक्षण के बाद ही कुछ कह पाऊंगा। फिलहाल इतना कहूंगा कि काफी गड़बड़ियां मिली हैं।

 

 

Tags:    

Similar News