रिटायर्ड डिप्टी पोस्टमास्टर को गबन के आरोप में 6 साल की सजा, 1.25 लाख जुर्माना

सीबीआई के विशेष जज एमपी चौधरी ने गबन के केस में रिटायर्ड डिप्टी पोस्टमास्टर राम अभिलाख मौर्य को सोमवार (15 मई) को 6 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 01 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका है।

Update:2017-05-16 01:38 IST
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लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज एमपी चौधरी ने गबन के केस में रिटायर्ड डिप्टी पोस्टमास्टर राम अभिलाख मौर्य को सोमवार (15 मई) को 6 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 01 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका है।

अभियेाजन के मुताबिक. साल 2006 में कानपुर के न्यू पीएसी लाइन के पोस्ट ऑफिस से रिटायर हुए डिप्टी पोस्टमास्टर पर ग्राहकों का 05 लाख 91 हजार रुपए गबन करने का आरोप है। सीबीआई के वकील अजय पाल के मुताबिक, गबन का यह मामला सितंबर, 2006 से नवंबर, 2006 तक का है।

इस दौरान मुल्जिम ने 15 सावधि जमा योजना के तहत ग्राहकों द्वारा दी गई यह रकम पोस्ट ऑफिस में जमा करने के बजाए खुद ही रख ली और संबंधित ग्राहकों को पास बुक बनाकर दे दिया था।

इसका खुलासा तब हुआ जब साल 2008 में सावधि जमा की अवधि पूरी होने पर ग्राहकों द्वारा जमा धनराशि की मांग की गई। 31 जनवरी, 2008 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की। 29 अगस्त, 2008 को अपनी जांच पूरी कर सीबीआई ने मुल्जिम के खिलाफ गबन और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।

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