Mukhtar Ansari Death: मौत पर शुरू हुआ अब सियासी बवाल! मायावती से लेकर इन नेताओं ने की उच्च-स्तरीय जांच की मांग

Mukhtar Ansari Death: जब किसी न्यायिक अभिरक्षा के दौरान किसी बंदी की मौत हो जाती है तो जेल प्रशासन इसकी सूचना जिला प्रशासन को देता है और इसका पोस्टमार्टम करवाता है, ताकि उसकी मौत की सच्चाई का पता चल सके।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-03-29 03:51 GMT

Mukhtar Ansari Death (सोशल मीडिया)

Mukhtar Ansari Death: कई दशकों तक यूपी सहित अन्य राज्यों में जुर्म की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाला पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी अब नहीं रहा। बीते गुरुवार को बांदा जिला के मेडिकल कॉलेज में कार्डियक अरेस्ट आने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। मुख्ता भले ही अब दुनिया में नहीं हो, लेकिन उसकी मौत पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि उनकी मौत कुदरती नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से कराई गई है, इसकी जांच हो। पूर्व विधायक की मौत पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना गहरा दुख प्रकट करते हुए परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है, जबकि न्यायिक अभिरक्षा में किसी बंदी की मौत होती है, तो उसकी न्यायिक जांच की जाती है।

मायावती बोलीं- उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी

मुख्तार अंसारी के मौते के कुछ घंटे बीतने बाद बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही, परिवार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच करने की मांग की। मायावती ने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।

मौत पर किया दुख प्रकट

उन्होंने आगे कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत से उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

मौत पर सियासी बवाल शुरू

मुख्तार की मौत पर मायावती के अलावा राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेडी), कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक सवाल खड़े किये हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अंसारी के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।

मुख्तार से बेटे ने मौत पर खड़े किये सवाल

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा कि पूरा देश सब कुछ जानता है। दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे इजाजत नहीं मिली। उमर अंसारी ने कहा कि धीमा जहर देने के आरोप पर हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कहेंगे। परिवारजनों ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को खाने में धीमा जहर दिया जा रहा था, जिससे उनकी हालत बिगड़ी चली गई है और उनकी मौत हो गई।

मौत पर सवालों पर पूर्व डीजीपी ने ये कहा

मुख्तार की मौत पर उठ रहे सवालों पर यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि जब मुख्तार अंसारी पंजाब जेल में बंद थे, तो उन्होंने मेडिकल पर ऐसे कई आवेदन दिए थे, ताकि उन्हें यूपी की अदालतों में पेश न होना पड़े। वह हमेशा स्वस्थ नहीं रहते हैं और लंबे समय से बीमार थे। यह आरोप लगाना कि उन्हें जहर दिया गया, बिल्कुल बेबुनियाद आरोप है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी एक अपराधी, डॉन और माफिया था और उसकी मौत के बारे में बड़े पैमाने पर नहीं सोचा जाना चाहिए।

होगी न्यायिक जांच

परिवार के लोग मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठा रहे हैं और इसकी उच्च-स्तरीय जांच करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि यूपी सरकार और प्रशसान की ओर से परिवार की मांग कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच जरुर होगी। जब किसी न्यायिक अभिरक्षा के दौरान किसी बंदी की मौत हो जाती है तो जेल प्रशासन इसकी सूचना जिला प्रशासन को देता है और इसका पोस्टमार्टम करवाता है, ताकि उसकी मौत की सच्चाई का पता चल सके। किसी भी बंदी की न्यायिक हिरासत में मौत पर न्यायिक जांच करने की व्यवस्था है।

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