पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर आरएलडी का सरकार पर हमला, कह दी ये बात
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने सोमवार को यहां कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी पर प्रतिदिन सौ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। बाजार में आटा, दाल, सब्जी जैसी आम जरूरत की चीजों के दाम बढ़ने लगे हैं।
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने सोमवार को यहां कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी पर प्रतिदिन सौ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। बाजार में आटा, दाल, सब्जी जैसी आम जरूरत की चीजों के दाम बढ़ने लगे हैं।
डाॅ.अहमद ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट ने अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। आम जरूरत की चीजों जैसे आटा, दाल, सब्जी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि अचानक अतिरिक्त कर (सेस) लगाकर की गई है। इससे आम लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है। इसके पहले लोकसभा चुनाव से पूर्व पेट्रोल और डीजल की कीमतें प्रतिदिन 10-10 या 5-5 पैसे घटाकर आम जनता से वोट लेने का कुचक्र रचा गया था।
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उन्होंने कहा कि केवल पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी पर लगभग सौ रुपये प्रतिदिन का बोझ बढ़ गया है। मध्यम वर्ग के व्यक्ति को अब अपना परिवार चलाना मुश्किल लगने लगा है, क्योंकि अचानक आमदनी नहीं बढ़ी जबकि महंगाई बढ़ गई है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश में लगभग 20 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी देने में असमर्थ है। केन्द्र सरकार ने आमदनी बढ़ने का कोई प्रावधान नहीं किया जबकि महंगाई बढ़ाने के लिए सेस लगा दिया है। यह देश के लोगों का महंगाई से कमर तोड़ने वाला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राष्ट्रवाद है।
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उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश में अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के विषय में भाजपा को सोचना चाहिए, लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि यह पार्टी चंद पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बनकर आम आदमी का मजाक उड़ा रही है।
डाॅ.अहमद ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार इसी तरह काम करती रही तो वह दिन दूर नहीं जब देश में अमीर और गरीब के बीच में बहुत गहरी खाई हो जायेगी। इससे सामाजिक ढांचा तहस- नहस होने की कगार पर पहुंच जायेगा।