Meerut News: खतौली में रालोद का भाईचारा जिंदाबाद सम्मेलन रविवार को, जयंत चौधरी करेंगे अगुवाई

Meerut News:खतौली उप चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने समझते हुए वेस्ट यूपी में भाईचारा जिंदाबाद सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2022-12-10 20:52 IST

मेरठ: जयंत चौधरी की अगुवाई में खतौली में रालोद का भाईचारा जिंदाबाद सम्मेलन रविवार को होगा

Meerut News: पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजनीति की दृष्टि से खतौली उप चुनाव (Khatauli by-election) के नतीजों ने जो संदेश दिए हैं उनको राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने समझते हुए वेस्ट यूपी में भाईचारा जिंदाबाद सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत भी रविवार यानी कल खतौली से की जा रही है। इन सम्मेलनों को राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं सांसद जयंत चौधरी एवं दल के वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे।

रालोद प्रवक्ता आतिर रिजवी के अनुसार खतौली में होने वाले भाईचारा सम्मेलन में जयंत चौधरी क्षेत्र के मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के साथ ही जनता को आह्वान करेंगे कि भविष्य में भी सांप्रदायिक शक्तियों से सावधान रहें तथा हमारी संजीवनी शक्ति, सामाजिक समरसता को हर दशा में बनाए रखें।

रालोद प्रत्याशी मदन भैया की जीत आपसी भाई-चारे की जीत- डॉ.मेराजुद्दीन अहमद

पूर्व सिंचाई मंत्री एवं राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष डॉ.मेराजुद्दीन अहमद कहते हैं- राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी का मानना है कि विगत दिनों खतौली विधानसभा उप-चुनाव में रालोद प्रत्याशी मदन भैया की जीत आपसी भाई-चारे की जीत और सर्व समाज की जीत है।

बकौल डॉ.मेराजुद्दीन अहमद- खतैली उपचुनाव में चौधरी जयंत सिंह के सटीक चुनावी प्रबंधन व जुझारूपन ने जीत का बड़ा अंतर तय किया। रालोद के इस वरिष्ठ नेता की मानें तो 2024 के चुनाव में भी गठबन्धन आपसी भाईचारे की बदौलत ही प्रदेश में बड़ी सफलता हासिल करेगा।

भाजपा छत्रप नहीं बचा पाए खतौली

गौरतलब है कि खतौली जैसी भाजपा का सियासी दुर्ग मानी जा रही सीट को भाजपा छत्रप नहीं बचा पाए। रालोद ने जाट, गुर्जर, मुस्लिम और दलितों के साथ जातीय समीकरण साध भाजपा से यह सीट छीन ली। गाजियाबाद की लोनी सीट से चार चुनाव हार चुके खेकड़ा के पूर्व विधायक मदन भैया की उप चुनाव से किस्मत खुल गई। उन्हें खतौली से चुनाव लड़ाने का निर्णय सटीक साबित हुआ। वह गुर्जर वोटों को अपने पक्ष में लामबंद करने में सफल रहे। भाजपा ने तमाम गुर्जर विधायकों, मंत्री और पूर्व मंत्री प्रचार में लाकर सेंध लगाने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो पाई।

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