Meerut News: आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी नहीं छोड़ेंगे चन्द्रशेखर आजाद का साथ, दिल्ली में महापंचायत में होंगे शामिल
Meerut News: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद के साथ अपनी दोस्ती बरकरार रखना चाहते हैं। यही वजह है कि आजाद समाज पार्टी द्वारा आहूत कल दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत में राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भी उनके साथ रहेंगे।
Meerut News: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद के साथ अपनी दोस्ती बरकरार रखना चाहते हैं। यही वजह है कि आजाद समाज पार्टी द्वारा आहूत कल दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत में राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भी उनके साथ रहेंगे। इस संबंध में रालोद ने न सिर्फ सहमति दी है बल्कि महापंचायत में बड़ी संख्या में शामिल होने के पार्टी नेतृत्व द्वारा कार्यकर्ताओं व नेताओं को निर्देश भी दिए गए हैं। बता दें कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून को सहारनपुर के देवबंद में पर हुए जानलेवा हमला हो गया था। चंद्रशेखर आजाद पर हुए इस हमले की सीबीआई जांच एवं उनकी सुरक्षा की मांग को लेकर 21 जुलाई यानी कल को जंतर मंतर नई दिल्ली पर आजाद समाज पार्टी द्वारा महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
सीबीआई जांच एवं उनकी सुरक्षा की मांग पर प्रदर्शन
राष्ट्रीय लोकदल (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) के प्रदेश महासचिव आतिर रिजवी का कहना है कि आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर हुए हमले की सीबीआई जांच एवं उनकी सुरक्षा की मांग को लेकर 21 जुलाई को जंतर-मंतर नई दिल्ली पर होने वाली महापंचायत में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सांसद माननीय जयंत चौधरी तो शामिल होंगे ही, इसके अलावा पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर आरएलडी के कार्यकर्ता व नेता बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
यूपी की सियासत में ओबीसी के बाद दलित सबसे ज्यादा प्रभावी
बता दें कि पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर दलित समाज में यूथ आइकन हैं। यूपी की पॉलिटिक्स में ओबीसी के बाद दलित सबसे ज्यादा प्रभावी हैं। यहां 21 प्रतिशत दलित हैं, जिसमें 12 प्रतिशत जाटव और 9% गैर जाटव दलित हैं। यूपी में 84 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। यूपी में 49 जिले ऐसे हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं 42 जिले ऐसे हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें मुजफ्फरनगर में 23%, सहारनपुर में 24%, मेरठ में 23%, बिजनौर में 25%, गाजियाबाद में 21%, बागपत में 20%, अमरोहा में 22%, मुरादाबाद में 18% और गौतमबुद्धनगर में 18% दलित वोटर्स हैं।
ऐसे में जयंत चौधरी को लगता है कि अगर जाट और मुसलमानों के साथ ही दलित एक बड़ा शेयर उन्हें मिलता है तो पश्चिमी यूपी में बीजेपी को हराना मुश्किल नहीं होगा। यही वजह है कि पिछले काफी अर्से से जयंत चौधरी की चंद्रशेखर से नजदीकियां बढ़ी हैं। कई मौको पर दोनों नेताओं को एक साथ एक मंच पर देखा गया गया है। कहा जाता है कि अखिलेश और चंद्रशेखर को एक मंच पर लाने के पीछे सूत्रधार भी जयंत चौधरी हैं।